सरोगेसी के जरिए संतान की चाह पूरी करने वालों के लिए एक खुशखबरी है. केंद्र सरकार ने सरोगेसी के नियमों में बदलाव करते हुए डोनर के एग और स्पर्म लेने की इजाजत दे दी है
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केंद्र सरकार ने सरोगेसी (विनियमन) नियम, 2022 में संशोधन करके ये बदलाव किया है. इस नियम के तहत बच्चे की चाह रखने वाले मां बाप अगर किसी मेडिकल कंडीशन के चलते खुद के एग और स्पर्म का यूज करने में अक्षम हैं तो वो डोनर की मदद ले सकते हैं.कहा जा रहा है कि इस बदलाव के चलते मां बाप बनने में असमर्थ लाखों दंपत्तियों को संतान सुख मिल सकेगा.। आंकड़े कहते हैं कि भारत में अधिकतर कपल नैचुरली कंसीव ना कर पाने, गर्भपात और आईवीएफ के फेल होने के बाद सरोगेसी की मदद लेते आए हैं. फिलहाल की स्थिति ये थी कि सरोगेसी की मदद लेने वाले कपल के पास दोनों गैमेट (एग और स्पर्म) होने चाहिए. यानी एग और स्पर्म दोनों होने चाहिए. अब ऐसा कई बार होता है कि कपल में से एक साथी किसी मेडिकल कंडीशन के जरिए एग या स्पर्म देने में नाकामयाब बोता है और इसी के चलते कपल के लिए पेरेंट बनना मुश्किल हो जाता है. लेकिन नए नियम में अगर एग या स्पर्म उपलब्ध नहीं है तो आप डोनर की मदद लेकर मां बाप बनने का सपना पूरा कर सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट में सवाल उठने के बाद फैसला
केंद्र सरकार ने जो पिछले दिनों नियम में बदलाव किया है। उससे पहले के नियम में कहा गया था कि जो कपल सरोगेसी के लिए जा रहे हैं दोनों के ही गैमेट्स (युग्मक यानी शुक्राणु और अंडाणु) का इस्तेमाल होगा। शीर्ष अदालत ने कहा था कि इस शर्त से सरोगेसी की अवधारणा ही बेकार हो जाएगी।