शहडोल | Shahdol News: स्कूल (School) को विद्या का मंदिर माना जाता है, यहां पढ़ाई होती है, बच्चों को अंधविश्वास (Superstition) जैसी कुरीतियों के बारे में जागरुक किया जाता है. लेकिन मध्य प्रदेश में शहडोल (Shahdol in Madhya Pradesh) में एक स्कूल ऐस भी है, जहां खुद हेडमास्टर (Head Master) अंधविश्ववास के चक्कर में स्कूल में झाड़-फूंक करवा रहे है. यहां के दृश्यों को देखकर ऐसा लगता है कि मानो यहां पढ़ाई नहीं बल्कि झाड़-फूंक की क्लास लग रही है.
जिले के एक सरकारी स्कूल का यह चौकाने वाला मामला है. जहां प्रार्थना के दौरान छात्र..एक-एक करके बेहोश होने लगते है. छात्रों को होश में लाने के लिए झाड़फूंक कराई जाती है..जिसके बाद छात्र होश में आ जाते है..
यह पूरा मामला जिले में बुढ़ार विकासखंड के छोटकी टोला स्कूल का है. जहा छात्र जैसे ही प्रार्थना की कतार में खड़े होते है..उधर प्रार्थना शुरू होती है वैसे ही छात्र एक-एक करके जमीन में गिरने लगते है..यह सब देख आसपास के छात्र-छात्राएं और स्कूल के शिक्षक घबरा जाते है..हैरानी की बात यह कि उन छात्रों को अस्पताल न ले जाकर अंधविश्वास का सहारा लिया जाता है और उनका झाड़फूंक कराया जाता है..
इस संबंध स्कूल के हेडमास्टर का कहना है कि ऐसा मामला कभी-कभी सामने आता था.. लेकिन अब आये दिन ऐसे मामले सामने आ रहे है..वही खंड शिक्षा अधिकारी ने बताया कि यह पहला मामला नही है..इसके पहले भी विकासखंड के बिलटिकुरी स्कूल से सामने आया था..जहा स्टूडेंट क्लासरूम और प्रार्थना में बेहोश हो जाते थे..लेकिन यह कोई जादू-टोना नही बल्कि बीमारी है..जिसका इलाज कराने की जरूरत है..