CG Mahashivratri 2024: आज महाशिवरात्रि के पावन पर्व है ऐसे में राजधानी रायपुर के अलग अलग रंग शिवालयों पर भक्तों की भीड़ में दर्शन करने के लिए पहुँच रही है सुबह से ही भक्तों में काफ़ी ज़्यादा उत्साह देखा जा रहा है लोग अपने मनोकामनाओं को लेकर आज मंदिरों में दस्तक दे रहे हैं और अपने सुख शांति समृद्धि की प्रार्थना भी लगातार कर रहे हैं. विश्व के सबसे बड़े शिवलिंग गरियाबंद में स्थित भूतेश्वर मंदिर, रायपुर के बूढ़ेश्वर मंदिर, हटकेश्वर मंदिर के साथ सभी शिवालय में महाशिवरात्रि की तैयारियां हो गई हैं। महाशिवरात्रि पर शिवालय सज चुके हैं। आज महाशिवरात्रि पर सुबह से जलाभिषेक करने श्रद्धालु पहुँच रहे हैं। दोपहर को शिवलिंग का मनमोहक श्रृंगार और रात्रि में भस्म आरती की जाएगी। सर्वार्थसिद्धि, शिव योग और शुक्र प्रदोष व्रत के संयोग में मनाई जाने वाली महाशिवरात्रि की पूर्व संध्या पर भोलेनाथ की बरात निकाली जाएगी। भूत, प्रेत के साथ देवगण का रूप धारण कर युवा बरात में शामिल होंगे।
Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि के दिन पहले करें ये काम
शिव जी की पूजा करने से पहले आपको नित्य कर्मों से निवृत होकर स्नान कर साफ वस्त्र धरण करने चाहिए। सबसे पहले गणेश जी को प्रणाम करें। इसके बाद पूजा स्थल पर भगवान शिव और माता पार्वती के साथ नंदी की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करनी चाहिये। आप मिट्टी से भी शिवलिंग सहित शिव परिवार की रचना कर सकते हैं। यदि घर में शिवलिंग है तो मिट्टी के पात्र या तांबे के लोटे में जल भरकर शिवलिंग का जलाभिषेक करना चाहिए।
Mahashivratri 2024: महिला दिवस और महाशिवरात्रि एक ही दिन
इस साल आठ मार्च को महिला दिवस पर महाशिवरात्रि मनाई जा रही है। शाम से लेकर पूरी रात अलग-अलग प्रहर में शिवजी का पूजन, अभिषेक किया जाएगा। इसमें निशिथ काल यानि आधी रात को शिवजी का पूजन करना श्रेष्ठ है। ज्योतिषाचार्य डा.दत्तात्रेय होस्केरे के अनुसार फाल्गुन कृष्ण पक्ष में त्रि स्पर्शा यानी त्रयोदशी, चतुर्दशी व अमावस्या की युति में महाशिवरात्रि मनाए जाने का विधान है। इस दिन को शिवलिंग के प्रादुर्भाव और शिव-पार्वती विवाह के रूप में मनाया जाता है।
Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि की तैयारी, शिव बारात की रहेगी धूम
महाशिवरात्रि पर्व से पहले शिव मंदिरों में तैयारियां जोरशोर से की जा रही है। सुबह से दोपहर तक जलाभिषेक की व्यवस्था की जाएगी। इसके पश्चात भोलेनाथ की बरात आकर्षण का केंद्र होगी। शहर में एक दर्जन से अधिक मंदिरों से भोलेबाबा की बारात में भूत, प्रेत, देवगणों की सजीव झांकी निकाली जाएगी। शाम को शिव मंदिरों में शिवलिंग का विविध रूपों में श्रृंगार दर्शन करने भक्त उमड़ेंगे।