लद्दाख। लद्दाख में हुई चीन से तनातनी और मनमुटाव के बिच भारत म्यांमार से सटी सीमाओं की सुरक्षा होगी मजबूत। म्यांमार के साथ सुरक्षा सहयोग बढ़ाने के अलावा तटीय जहाजरानी समझौते भी कर सकता है।
इससे बंगाल की खाड़ी पर बने सितवे बंदरगाह और कलादान नदी पर बन रही बहुपक्षीय मॉडल लिंक परियोजना से होकर गुजरने वाले भारतीय जहाज आसानी से मिजोरम पहुंच सकेंगे। इन सब पर मुहर लगाने के लिए सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे और विदेश सचिव हर्षवर्धन शृंगला रविवार को दो दिवसीय दौरे पर म्यांमार जाएंगे।
विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक, अपने दौरे में जनरल नरवणे और विदेश सचिव शृंगला म्यांमार की सलाहकार आंग सान सू की समेत शीर्ष सैन्य और राजनीतिक नेताओं से मुलाकात करेंगे। दोनों म्यांमार के सैन्य बलों के कमांडर इन चीफ वरिष्ठ जनरल मिन आंग हलैंग से भी मिलेंगे।
दोनों देशों के नेता इस दौरान भारत-म्यांमार सीमा पर ड्रग्स तस्करी और भारतविरोधी घुसपैठियों को रोकने के लिए सुरक्षा को मजबूत करने पर चर्चा करेंगे। बयान में कहा गया है कि म्यांमार के साथ संबंधों को बढ़ावा देना भारत की प्राथमिकता में है। भारत इस मामले में पड़ोस पहले और एक्ट ईस्ट की नीति अपनाता रहा है।
चीन ने भी म्यांमार में बना रखी है पैठ
चीन ने भी म्यांमार में महत्वपूर्ण रूप से पैठ बना रखी है। इसमें म्यांमार में सड़क, पुल समेत बुनियादी ढांचों के निर्माण, हाइड्रोकार्बन, ऊर्जा और बंदरगाह क्षेत्र के विकास भी शामिल हैं। चीन को म्यांमार सरकार ने पहले ही क्यायूकप्यू पोर्ट विकसित करने का ठेका दिया है।
हालांकि, म्यांमार के नेतृत्व ने साफ तौर पर कहा है कि चीन से कोई भी समझौता भारत से द्विपक्षीय रिश्तों को दरकिनार करते हुए नहीं किया जाएगा