कोरबा। सरेराह… दिनदहाड़े… और कट्टे की नोंक पर शहर के बीच लूट की वारदात हो जाती है। लुटेरे एक कारोबारी के दोपहिया की डिक्की खुलवाते हैं, उसमें रखे 95 हजार निकाल लेते हैं, फिर उसके हाथ से सोने की अंगूठी तक छिन लेते हैं, लेकिन उसे मदद नहीं मिलती। दरअसल यह एक मनगढ़त कहानी थी, जबकि हकीकत यह है कि एक साथ 95 हजार रुपए की लालच में आकर खुद कारोबारी ने लूट की झूठी कहानी रच ली और पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करा दी। पुलिस की तहकीकात में सारा सच सामने आ गया और अब अपने ही लूट की कहानी रचने वाला पुलिस की गिरफ्त में है।
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इस पूरी वारदात की सच्चाई यह है कि शहर का मोबाइल कारोबारी अंकित केशरवानी के मौसेरे भाई ने एसबीएस काॅलोनी निवासी सुषमा त्रिपाठी से 95 हजार कलेक्ट कर अपने खाते में ट्रांसफर करने कहा था। अंकित ने रुपए कलेक्ट किया और लौटते समय उसके मन में लालच आ गया, लिहाजा उसने अपने मौसेरे भाई के खाते में पैसा डालने की बजाय लूट की कहानी रच ली।
इस लूट की झूठी कहानी की तफ्तीश में जुटी कोरबा पुलिस ने चंद घंटों के भीतर ही सारी हकीकत से पर्दा उठा दिया और अपनी ही लूट की कहानी रचने के आरोप में कारोबारी अंकित केशरवानी को हिरासत में लेने के साथ रकम भी बरामद कर ली है।