भिलाई ।BHILAI NEWS: अगर आप भी चाट मोमोज, चाइनीस पकोड़ा और चिकन रोस्ट चिकन फ़्राई जिसमें जलेबी रंग का प्रयोग धड़ल्ले से किया जाता है और खाने के शौकीन है तो संभल जाए, क्योंकि इन दिनों दुर्ग जिले में एक गाय छाप के प्रिंट हुए से जलेबी रंग के नाम पर मौत बिक रही है, जिसे लोग धडले से इन चीजों को स्वाद लेकर खा रहे हैं,वहीं जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि इस कलर को खाने से कैंसर हो सकता है, दुकानों से हटाने का आदेश जारी कर दिया है।
आपको बता दे की वहां जलेबी रंग के नाम पर जैसा कि आप अपनी टीवी स्क्रीन पर देख सकते हैं, यह खास जलेबी रंग के नाम पर जिसमें साफ लिखा हुआ है, कि यह खाने योग्य नहीं है, फिर भी दुर्ग जिले के शहर हटरी बाजार, शनिचरी बाजार, भिलाई के लिंक रोड जो की अनाज एवं खाद्य सामानों के बेचे जाने वाले बड़े मार्केट है यहां धड़ाले से बेचा जा रहा है, उक्त बिकने वाला रंग जिसे श्री गणेशा ग्लोबल गुलाल प्राइवेट लिमिटेड जो कि रायपुर के द्वारा मेटानिल येल्लो काऊ के नाम से बना के बेचा जा रहा है, जिसकी सप्लाई पूरे जिले सहित पूरे छत्तीसगढ़ में की जा रही हैं। जैसा कि सूत्र बताते हैं और जब हमारे प्रतिनिधियों द्वारा इस कलर को लेकर दुर्ग भिलाई के शहरी बड़े अनाज व्यापारियों के दुकान में इसकी उपलब्धता को लेकर स्वयं जांच की गई तो पाया गया की धड़ल्ले से व्यापारी इसे जलेबी रंग बोलकर खुले में या डब्बे सहित आम जनों को बेच रहे हैं, जैसा कि आप वीडियो में देख सकते हैं और इसकी जानकारी यहां के खाद्य विभाग के अधिकारियों को भी है, लेकिन उनकी मिली भगत से ही यह जलेबी रंग नामक मौत बेचा जा रहा है, लेकिन उसके बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
जलेबी रंग में पाए जा रहे कैंसर के कण -मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर जेपी मेश्राम
वहीं इस संबंध में जब जिला प्रशासन एवं यहां के स्वास्थ्य अधिकारी से बात की गई और उनके संज्ञान में जब यह मामला लाया गया तो उनका कहना है कि यह रंग मार्केट से हटाने के लिए संबंधित अधिकारियों को आदेश दे दिए गए हैं और जल्द ही और पूरे मार्केट से हटाया जाएगा और भविष्य में यह रंग मार्केट में ना बिके इसकी व्यवस्था की जाएंगे,वहीं दुर्ग जिला स्वास्थ्य एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर जेपी मेश्राम ने बताया कि उनके संज्ञान में आने के बाद उन्होंने संबंधित अधिकारियों को इस कलर जलेबी रंग को लेकर जिसमें सीधे तौर पर कैंसर के कण पाए जा रहे हैं, जो की इंडस्ट्रियल उपयोग का कलर है, उसे खाने की चीजों में मिलना गलत है इसे हटाने के आदेश उन्होंने दे दिया और जल्दी इसकी सप्लाई रोकने के भी पर काम किया जाएगा। आपको बता दे कि आजकल स्वास्थ्य विभाग या कहे अधिकारियों की करगुजारियों का ही नतीजा है कि जब आम आदमी चाट, गुपचुप, मोमोज जो कि आज कल सीधे तौर पर युवाओं के पहुंच में है रोजाना के खाने की रूटीन में शामिल है और जिसमे खुले तौर पर इन कलर का उपयोग किया जा रहा है,जो कि सीधे और सीधे आपके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है। और साथ ही लोगों को भी जागरूक होने की जरूरत है कि वह चीज जो खरीदते हैं उस पर ध्यान दें कि वह खाने योग्य पदार्थ या रंग है कि नहीं।
भिलाई से अतुल शर्मा की रिपोर्ट