हिमाचल प्रदेश। रोहतांग दर्रे के बाद अब सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने हिमाचल प्रदेश व केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के बीच मनाली-पदुम-कारगिल मार्ग पर शिंकुला दर्रे को साधने की तैयारी कर ली है। केंद्र सरकार की हरी झंडी मिलने के बाद बीआरओ अब शिंकुला दर्रे में सुरंग बनाएगा। बीआरओ ने टनल निर्माण के लिए तीन साल लक्ष्य रखा है। अटल टनल रोहतांग के लोकार्पण मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में बीआरओ के अधिकारियों ने शिंकुला सुरंग का निर्माण जल्द शुरू करने की बात कही। शिंकुला में सुरंग बनने से कारगिल व लेह 12 माह देश से जुड़ा रहेगा। पाकिस्तान सीमा पर रसद पहुंचाने में सेना को कोई परेशानी नहीं होगी। पाकिस्तान को कड़ी चुनौती मिलेगी। बार्डर इंफ्रास्ट्रक्चर (सीमा पर ढांचागत विकास) को केंद्र सरकार गंभीरता से ले रही है।
अटल टनल के लोकार्पण के बाद सिस्सू व सोलंगनाला में जनसभा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बार्डर इंफ्रास्ट्रक्चर की तरफ कोई ध्यान न देने पर कांग्रेस को खरी खरी सुनाई। केंद्र सरकार ने लेह लद्दाख को 12 माह देश से जोडऩे के लिए मनाली-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर बारालाचा में सुरंग निर्माण का खाका तैचार कर लिया है। रोहतांग, शिंकुला व बारालाचा में हर साल बर्फ हटाकर मार्ग बहाल करने में बीआरओ करोड़ों रुपये खर्च करता है। सुरंग बनने से इस समस्या से निजात मिलेगी। ड्रैगन जिस तरह से एलएसी के पास अपना सड़क व रेल नेटवर्क सुदृढ़ कर रहा केंद्र सरकार ने बार्डर इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करना शुरू कर दिया है।