नॉर्थ इंडिया में होली के मौके पर खासतौर पर एक पेय पदार्थ बनाया जाता है, जिसे ठंडाई के नाम से जानते हैं. ये मुख्य तौर पर दो ही मौकों पर बनता है, एक तो शिवरात्रि पर और दूसरा होली पर. कहते हैं ये शिवजी का प्रिय पेय है इसलिए शिवरात्रि के महापर्व पर इसे प्रसाद के रूप में जरूर अर्पित किया जाता है. इसके अलावा होली में भी ठंडाई खूब बनाई और पिलायी जाती है
ठंडाई मुख्य तौर पर दूध, काजू, बादाम, सौंफ, इलायची, खसखस, केसर, गुलाब की पंखुड़ियों से बनने वाला एक मीठा पेय है. अगर आप पहली बार ठंडाई बना रहे हैं तो इस रेसिपी को फॉलो करें.
- कम से कम दो घंटे पहले काजू बादाम पिस्ता (आमतौर पर यही मेवा यूज होता है) को भिगो दें और चाहें तो हल्का सा उबाल कर महीन पेस्ट बना लें.
- अब पहले से भिगोए खसखस और मगज के बीज भी इसी के साथ पीस लें. अब इसमें मसाले डालें यानी सौंफ, काली मिर्च, दालचीनी, इलायची और केसर. सभी को पीस लें.
- इसे पीसने के लिए पानी की जगह दूध डालें और मिकस्चर महीन होने तक पीसें.
- दूध पहले से उबालकर और उसमें चीनी मिलाकर रखें. ताकि बाकी काम होने तक दूध ठंडा हो जाए.
- अब इस दूध में तैयार मिक्सचर मिला दें और कपड़े से छान लें. याद रहे मिक्सचर जितना महीन होगा उतना ही कम बर्बाद होगा.
- इसमें बर्फ मिलाएं या खूब ठंडा करके परोसें.
ठंडाई को खास बनाने के टिप्स –
- ठंडाई को खास बनाने के लिए इसे एक दिन पहले बना कर फ्रिज में रख लें. इससे फ्लेवर अच्छी तरह दूध में घुल जाता है.
- इसे ऊपर से बारीक कटे मेवे के साथ सर्व कर सकते हैं.
- मिट्टी के ग्लास में ठंडाई परोसने से उसका स्वाद और बढ़ जाता है. इन ग्लासेस को भरकर फ्रिज में लगा दें तब परोसें.
- गुलकंद डालकर भी ठंडाई पी सकते हैं.
- फ्रिज में रखकर ठंडाई ठंडी करें. ज्यादा बर्फ डालने से वह पतली हो जाती है और स्वाद कम हो जाता है.