रायपुर। देश के अन्य राज्यों, यहां तक कि देश की राजधानी दिल्ली में ही छत्तीसगढ़ की पहली पहचान नक्सलगढ़ के तौर पर ही होती है, जबकि राज्य गठन के बाद से अब तक छत्तीसगढ़ ने कई मामलों में देश के अन्य राज्यों को पछाड़ा है। लगातार कृषि कर्मण के मामले में अव्वल रहने वाले, धान का कटोरा कहलाने वाले इस छत्तीसगढ का नाम रौशन करने अब राज्य की 9 महिला हाॅकी खिलाड़ी तैयार हो चुकी हैं, जिनका सलेक्शन नेशनल टेªनिंग कैंप के लिए हो चुका है।
मिल रही जानकारी के मुताबिक देश की नेशनल महिला हॉकी टीम में जल्द ही छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों की लड़कियां नजर आ सकती हैं। आईटीबीपी के प्रशिक्षण के बाद राज्य की नौ लड़कियों का नेशनल हॉकी ट्रेनिंग कैंप में चयन हुआ है। 2016 में राज्य के कोंडागांव जिले में आईटीबीपी ने इन लड़कियों को प्रशिक्षित करना शुरू किया था, तब ये हॉकी स्टिक पकड़ना भी नहीं जानती थीं। लेकिन अब तक आईटीबीपी ने 8 से 17 वर्ष तक की उम्र की 50 से ज्यादा आदिवासी लड़कियों को हॉकी में पारंगत कर दिया है। इनमें से 9 बालिकाओं का चयन राष्ट्रीय सब जूनियर और जूनियर हॉकी चयन शिविर के लिए हुआ है, जो इनके लिए सपने के सच होने जैसा है।
कम संसाधनों और हेलिपैड पर मैदान बनाकर आईटीबीपी की कोच हेड कांस्टेबल सूर्या स्मिट ने इन बालिकाओं को प्रशिक्षित किया है। अब यही बालिकाएं नेशनल लेवल का ट्रेनिंग लेंगी, जिसके बाद इनकी योग्यता के आधार पर इन्हें नेशनल टीम में स्थान मिल पाएगा। इनकी कोच की मानें, तो इन बालिकाओं में सीखने की क्षमता है और ये सभी मेहनती भी हैं, लिहाजा उनका विश्वास है कि इनका सलेक्शन नेशनल टीम के लिए हो जाएगा।