रायपुर। भारतीय राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (INTUC) प्रदेश उपाध्यक्ष टिकेंद्र सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा में पास किये श्रम कानून ट्रेड यूनियन कानून एवं किसान बिल जो श्रमिक किसान एवं मजदूर यूनियन के अहित में है, उसके विरोध में कल बूढ़ा तलाब धरना स्थल में प्रदेश स्तरीय धरना प्रदर्शन कर इन तीनो काला कानून को वापस लेने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देंगे।
श्री ठाकुर ने बताया कि लोकसभा में श्रम कानून संबंधी तीन विधेयक पास किया गया। ये तीनों बिल प्रवासी और असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों की परिभाषा को बदल सकते हैं, जिसका हम श्रमिक नेता विरोध करते है। लोक सभा मे विपक्ष के नेताओ के विरोध के बावजूद सरकार ने देश में श्रम कानून से जुड़े तीन महत्वपूर्ण बिल पास कराए। असंगठित क्षेत्र के लोगों के लिए और काम करने वालो के लिए यह “मजदूर-विरोधी” है।
देश में आजादी से पहले के कानूनों को बदला जा रहा है और इन श्रम कानूनों को बदलकर श्रम संहिताओं में लाया जा रहा है। जिसमें देश में मजदूरों की स्थिति और ज्यादा दयनीय हो जाएगी। उद्योगों उपक्रमो में काम के 8 घंटे के अधिकार को अब 12 घंटे में बदल दिया गया है। प्रोविडेंट फंड, ईएसआई और मजदूरों के कल्याण से जुड़े कानूनों को बदल दिया गया है। अब रोजगार के स्थाई प्रारूप को बदलकर सीमित समय के लिए काम दिया जाएगा जिससे नौजवानों का भविष्य बर्बाद होने वाला है। केंद्र की भाजपा सरकार ने मजदूरों के विरोध करने के अधिकार को भी खत्म कर दिया है।और यूनियन बनाने और हड़ताल करने के अधिकार पर भी भारी भरकम जुर्माना लगाने और जेल भेजने तक के प्रावधान कर दिए हैं। जो मजदूरों को बंधुआ मजदूरी की तरफ धकेलने का ही काम करता है, इन विधेयकों के जरिए सरकार का इरादा श्रम सुरक्षा को खत्म करना है। 44 श्रम कानून के बदले 4 लेबर कोडों की प्रक्रिया और सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण पर रोक लगाई जाए। 50 वर्ष की आयु अथवा30 वर्ष का कार्यकाल पूर्ण करने वाले नियमित सरकारी कर्मचारियों की छंटनी व जबरन रिटायरमेंट पर रोक लगाई जाए। उसी तरह रेल बीएसएनएल कोयला सहित 26 कंपनियों को निजीकरण किया जा रहा हैं, जिसके विरोध में प्रदेश भर के इंटक कार्यकर्ताओ द्वारा कल राजधानी में आंदोलन की जाएगी