बिलासपुर। पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह के प्रमुख सचिव रहे अमन सिंह की याचिका हाईकोर्ट ने एक बार फिर खारिज कर दी है। अमन सिंह ने जांच में पेश होने से राहत की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी, जिस पर न्यायाधीश गौतम भादुड़ी ने स्पष्ट कर दिया है कि अमन सिंह को जांच में व्यक्तिगत तौर पर पेश होना पड़ेगा। इसके साथ ही सुनवाई की तारीख जो पहले 23 अक्टूबर थी, उसे 19 अक्टूबर कर दिया है।
हाईकोर्ट ने बहुत स्पष्ट कह दिया है कि जांच के लिए तामील होने स्पष्ट आदेश जारी हो चुका है, जिसमें यह भी स्पष्ट किया गया है कि जांच में किसी भी प्रकार का स्थगन नहीं लाया गया है। न्यायालय ने कहा कि अमन सिंह की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए को-अर्सिव एक्शन पर जो रोक लगाई गई है, वह अब भी लागू है और आगामी सुनवाई तक यथावत जारी रहेगा।
यह है पूरा मामला –
आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में राज्य शासन ने प्रदेश के पूर्व प्रमुख सचिव अमन सिंह के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो और आर्थिक अपराध अन्वेषण इकाई (ईओडब्ल्यू) जांच शुरू कराई। दोनों ही जांच एजेंसियां एफआइआर दर्ज कर जांच- पड़ताल कर रही है।
अमन सिंह ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर शासन की जांच एजेंसियों की कार्रवाई को चुनौती दी है। इसी बीच उनकी पत्नी यास्मीन सिंह की संविदा नियुक्ति को लेकर राज्य शासन के समक्ष शिकायत दर्ज कराई गई। इसी आधार पर यास्मीन सिंह के खिलाफ भी मामला दर्ज कर जांच की जा रही है। यास्मीन सिंह ने भी अपने खिलाफ चल रहे मामले को खत्म करने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।