जांजगीर। छत्तीसगढ़ में कोरोना के अलावा यदि कोई धधकती खबर है, तो वह है ड्रग्स, अवैध शराब और गांजा। नशे के इस अवैध कारोबार में पुलिस वालों के हाथ भी रंगे हुए हैं। इसका ताजा तरीन उदाहरण जांजगीर-चांपा जिले के बिलाईगढ़ से सामने आया है। जिसकी वजह से दो पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया गया है। हालांकि यहां पर मामला गांजा तस्करी का नहीं है, बल्कि गांजा की आड़ में अवैध वसूली का है।
दरअसल, जांजगीर के रहने वाले ये पुलिसकर्मी कुछ युवकों को गांजे के केस में फंसाने का डर दिखाकर वसूली कर रहे थे। बिलाईगढ़ पुलिस ने दोनों आरक्षकों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पुलिस के अनुसार महासमुंद जिले के ग्राम हड्डासरा रहने वाले राजकुमार तांडी को रविवार की सुबह एक शख्स ने फोन किया। फोन करने वाले ने खुद को पुलिसवाला बताया और नरेश कुम्भर व महेश्वर महानंदा को गांजे के साथ पकड़े जाने की जानकारी दी। फोन करने वाले ने राजकुमार को बिलाईगढ़ के पास बुलाया।
राजकुमार को दोबारा एक फोन आया। इस बार उससे दो लाख रुपये की मांग की गई। रुपए नहीं देने पर युवकों को जेल भेजने की धमकी दी गई। राजकुमार अपने रिश्तेदारों के साथ बिलाईगढ़ थाने गया। वहां पुलिस ने बताया कि ऐसा कोई भी फोन राजकुमार के पास नहीं किया गया। इस तरह से इस कांड का खुलासा हुआ।
इसके बाद पुलिस ने मोबाइल नंबर को ट्रेस किया। पुलिस ने 5 युवकों को गिरफ्तार किया। पकड़े गए आरोपियों में दो आरक्षक पतिराम यादव व जनक कश्यप शामिल हैं। यह शिवरीनारायण थाना में पदस्थ हैं। इनके साथी सुजीत रात्रे, रामकिशन रात्रे और राहुल श्रीवास को भी इस मामले में पकड़ा गया है। इस मामले में जांजगीर की एसपी पारुल माथुर इस मामले में आरोपी आरक्षकों केा सस्पेंड कर दिया है।