उल्लेखनीय है कि उच्चतम् न्यायालय के निर्देशानुसार औचित्यहीन लंबित प्रकरणों (infructuous cases) को चिन्हांकित करने की प्रणाली विकसित किया जाना है जिससे ऐसे उपरोक्त चिन्हांकित लंबित प्रकरणों को सुनवाई पश्चात् निराकृत किया जा सके।
इस तारतम्य में मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा के निर्देशानुसार रिट, क्रिमिनल अपील, क्रिमिनल रिवीजन, अवमानना प्रकरणों एवं अन्य प्रकरणों में औचित्यहीन लंबित प्रकरणों (infructuous cases) की लिस्ट बनाने का कार्य चल रहा है जिसे ज्यूडिशियल ऑफिसर एवं उच्च न्यायालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा किया जा रहा है। उपरोक्त कार्य का निरीक्षण करने हेतु मुख्य न्यायाधीश प्रत्येक शाखा में गये तथा सत्यापित किये गये प्रकरणों की जांच की। उन्होंने रजिस्ट्रार जनरल एवं रजिस्ट्रार ज्यूडिशियल को निर्देशित किया कि प्रतिदिन शाखाओं में चल रहे सत्यापन कार्य की जांच करें एवं उसकी रिपोर्ट उनके समक्ष प्रस्तुत की जाए।
उन्होंने यह भी अवगत् कराया कि वे उपरोक्त सत्यापन कार्य का समय-समय पर औचक निरीक्षण करते रहेगें।