नई दिल्ली। द लांसेट इन्फेक्शस डिजीज जर्नल में सोमवार को प्रकाशित एक अध्ययन में चेतावनी दी गई है कि दूसरी बार संक्रमित होने पर कोविड-19 रोगियों को अधिक गंभीर लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है। संभाावित बीमारी और अधिक घातक रूप ले लेती है।
अध्ययन के मुताबिक, अमेरिका में कोरोना वायरस से दूसरी बार संक्रमित हुए पहले मामले की पुष्टि हुई है, जिससे यह साफ होता है कि भविष्य में वायरस से बचाव के लिए प्रतिरक्षा की गारंटी नहीं हो सकती है।
कोरोना संक्रमण से एक बार ठीक हो चुके 25 वर्षीय व्यक्ति में दोबारा दो अलग-अलग वायरस एसएआरएस-सीओवी-4 से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है, वो भी 48 दिनों की समय सीमा के भीतर।
दूसरा संक्रमण पहले की तुलना में बहुत अधिक गंभीर था, व्यक्ति को तत्काल ऑक्सीजन सपोर्ट पर अस्पताल में भर्ती कराया गया। अध्ययन में दोबारा संक्रमित होने के चार अन्य मामलों की भी पुष्टि की गई है, जिनमें बेल्जियम, नीदरलैंड, हांगकांग और इक्वाडोर के एक-एक मरीज थे।
संक्रमित होने के दौरान दिए गए टीके प्राकृतिक प्रतिरक्षा तंत्र को रोग से लड़ने की क्षमता को बढ़ाते हैं, एंटीबॉडीज के साथ भविष्य में संक्रमण की लहरों से लड़ने के लिए तैयार करते हैं। लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि कोविड-19 एंटीबॉडी कितने समय तक चलते हैं। कुछ बीमारियों के लिए जैसे खसरा के लिए यह आजीवन प्रतिरक्षा करता है।
अगर आप या आपके आसपास कोई व्यक्ति कोरोना वायरस को मात देकर जिंदगी की जंग जीत चुका है। इसके बाद से आपको लगता है कि एक बार संक्रमित होने के बाद दोबारा वायरस आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकता, तो सावधान हो जाइए। कोरोना वायरस को हल्के में लेने की भूल मत कीजिए, ऐसा हम नहीं मंगलवार को जारी एक शोध में चेतावनी दी गई है।