अतुल शर्मा.दुर्ग। CG NEWS : ओबीसी वर्ग को लेकर कोलकाता हाईकोर्ट के फैसले को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के द्वारा “नहीं मानेंगे” कहे जाने के विरोध स्वरूप भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के. लक्ष्मण के आव्हान पर भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के जिला अध्यक्ष रूप सिंह सिन्हा के नेतृत्व में दुर्ग के पटेल चौक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का पुतला दहन किया और ममता बनर्जी की तुष्टिकरण की राजनीति की कड़ी निंदा की।
जिला भाजपा अध्यक्ष जितेंद्र वर्मा ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जी के द्वारा सन 2011 से मुस्लिम समाज को अनाधिकृत रूप से ओबीसी में शामिल कर अपने राज्य में आरक्षण दिया गया था, जिसे संविधान के विपरीत होने के कारण हाईकोर्ट ने 2010 के बाद के समस्त ओबीसी जाति प्रमाणत्र को निरस्त कर दिया। उच्च न्यायालय के आदेश को ममता बनर्जी द्वारा मानने से इनकार कर दिया गया है, जो न्यायालय के आदेश का अवहेलना है। ममता बनर्जी द्वारा मनमानी किया जाना शर्म की बात है। समस्त ओबीसी जाति के मूल अधिकार का हनन करने पर ममता उतारू है।
भाजपा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मनमानी को जनता तक ले जाकर जायेगी और बताएगी कि कांग्रेस की अगुवाई में पूरा इंडी गठबंधन तुष्टिकरण अपनाकर देश को तोड़ना चाहता है, ममता सहित पूरा गठबंधन सांप्रदायिकता फैलाकर देश में अराजकता लाना चाहता है। जिला अध्यक्ष जितेंद्र वर्मा ने कहा कि ममता बनर्जी का कथन न केवल संविधान को आत्मा को लहूलुहान करने वाला है अपितु संविधान और आरक्षण की व्यवस्था को खंडित कर रहा है।पिछड़ा वर्ग मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष एवं संभाग प्रभारी खिलावन साहू ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का बयान देश की न्याय व्यवस्था का माखौल उड़ा रहा है।
सत्ता के अहंकार में चूर बनर्जी और पूरे इंडी गठबंधन को पश्चिम बंगाल सहित देश की जनता लोकसभा चुनाव में करारा सबक सिखाने जा रही है। इंडी गठबंधन की तुष्टिकरण की राजनीति से पिछड़ा वर्ग समाज अपने अधिकार को लेकर हर लड़ाई लड़ेगा। कोलकाता हाई कोर्ट के आदेश को मानने से इनकार करने वाली ममता की कड़े शब्दों में निंदा करते है।पिछड़ा वर्ग मोर्चा जिला अध्यक्ष रूप सिंग सिन्हा ने कहा कि संविधान में साफ लिखा कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं होगा लेकिन ममता बनर्जी तुष्टीकरण के एजेंडे पर आगे बढ़ रही हैं। ममता बनर्जी संविधान की रक्षा की शपथ लेते हुए मुख्यमंत्री बनी है। संविधान से ऊपर कोई भी नहीं लेकिन ऐसे मुद्दे पर जब हाई कोर्ट का फैसला आ जाता है तो उनके तुष्टिकरण का पर्दाफाश होता है।