रायपुर। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आज सीजी स्कूल डॉट इन पोर्टल के माध्यम से “शिक्षा के गोठ” मासिक ई न्यूज लेटर का शुभारंभ किया गया। प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह ने इस अभिनव प्रयास के लिए शुभका
मुख्यमंत्री बघेल ने अपने संदेश में कहा है कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा प्रारंभ किए गए मासिक ई न्यूज लेटर से बच्चों का मनोबल और शिक्षा की निरंतरता बनाए रखने में मदद मिली है। यह नव प्रयास पूर्व में किए गए सारे प्रयासों को जनता के बीच लाने में मददगार बनेगा। उन्होंने आगे कहा कि हमने स्थायी शिक्षकों की भर्ती, स्थानीय बोली-भाषाओं मंे पाठ्य सामग्री, स्वामी आत्मानंद इंग्लिश स्कूल योजना, पढ़ाई को रोचक बनाने के उपयों के साथ ही अनेक नई पहल की है, ताकि नौनीहालों का भविष्य सुखद और सुरक्षित बनाए जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा है कि कोरोना संकट के कारण नियमित पढ़ाई में आए व्यवधान का निदान करने के लिए प्रदेश में अत्यंत सार्थक नवाचार किए गए। पढ़ई तुंहर दुआर में ऑनलाइन पढ़ाई शुरू की गई तो पढ़ई तुंहर पारा से बसाहटों, पारों-मुहल्लों, गलियों-मैदानों को खुली कक्षाओं में बदलने का सार्थक प्रयास भी किया गया।
स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने इस अवसर पर अपने संदेश में कहा है कि इस कठिन समय में शिक्षकों को नवाचारी शिक्षा के माध्यम से विद्यार्थियों का भविष्य गढ़ते हुए देखा जा सकता है। इस समय ऑनलाइन न्यूज लेटर एक सुनहरे भविष्य को साकार करने की दिशा में सार्थक प्रयास है। स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला के कुशल मार्गदर्शन में “शिक्षा के गोठ” का संपादन एससीईआरटी के डायरेक्टर डी. राहुल वेंकट ने किया है।
उल्लेखनीय है “शिक्षा के गोठ” मासिक ई न्यूज लेटर में सीजी स्कूल डॉट इन पोर्टल के अनुसार मासिक मॉनिटरिंग रिपोर्ट, सर्वे का परिणाम, सफलता की कहानी व नवाचारी गतिविधियों में कोरिया जिले से “मोटर सायकिल में बांध के छाता मोहल्ला क्लास लेने वाले रूद्र की कहानी”, बस्तर जिले से “आमचो रेडियो के जरिए लाउडस्पीकर से हो रही पढ़ाई”, राजनांदगाँव जिले से “डिजिटल एजुकेशन के तहत् स्मार्ट टी.व्ही. से अध्यापन”, कोरबा जिले से “खेत तक पहुँचे गुरूजी ने मचान पर लगाई क्लास” और रायपुर जिले से “पेटी वाली दीदी” को शामिल किया गया है। इसके अलावा मीडिया में पढ़ई तुंहर दुआर, राज्य स्तर पर होने वाले विविध आयोजन तथा सितम्बर माह में हमारे नायक बने शिक्षकों के छायाचित्र को दर्शाया गया है।