दिल्ली। कोविड-19 के कारण यात्री ट्रेनों के राजस्व में गिरावट के बीच रेलवे को बढ़ी माल ढुलाई के दम पर चालू वित्त वर्ष में मुनाफे में रहने की उम्मीद है। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सीईओ विनोद कुमार यादव ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में माल ढुलाई से प्राप्त राजस्व पिछले साल की तुलना में अधिक रहने की उम्मीद है, जबकि यात्री किराए से प्राप्त राजस्व में गिरावट आएगी।
यादव ने कहा कि त्योहारों के लिए 416 विशेष ट्रेन चलाई जा रही हैं और जरूरत पड़ी तो इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी। रेलवे अभी सभी तरह की 1098 विशेष यात्री ट्रेन का संचालन कर रही है। यादव ने गुरुवार को वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस के जरिये कहा कि यात्री ट्रेनों के कम चलने से उससे आने वाला राजस्व घटा है। ऐसे मे ट्रेन के रखरखाव पर लागत कम करने की कोशिश कर रहे हैं। प्रयास है कि परिचालन अनुपात पिछले वित्त वर्ष की तुलना में कम से कम खराब ना हो।
यादव ने कहा कि अक्तूबर में माल ढुलाई और यात्रियों की संख्या दोनों में बहुत सुधार हुआ है। उन्होंने बताया कि अक्तूबर महीने में 13 तारीख तक रेलवे ने 4.35 करोड़ टन की माल ढुलाई की है। पिछले साल इसी अवधि में यह आंकड़ा 3.69 करोड़ टन रहा था। इस प्रकार माल परिवहन 18 प्रतिशत बढ़ा है। इस दौरान माल ढुलाई से प्राप्त राजस्व भी 3,716.65 करोड़ रुपये से 11 प्रतिशत बढ़कर 4,124.12 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। अक्तूबर के पहले 13 दिन में रेलवे ने रोजाना औसतन 53,774 वैगन लोड किए जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह आंकड़ा 46,168 वैगन रोजाना रहा था। ऑटो मोबाइल की लोडिंग भी रोजाना 74 रैक से बढ़कर 126 रैक के औसत पर पहुँच गई।
गुड्स शेड योजना :
यादव ने कहा कि रेलवे ने माल ढुलाई बढ़ाने के लिए बुधवार को ‘गुड्स शेड’ विकसित करने के लिए एक नई योजना लॉन्च की है। इसके तहत कोई निजी निवेशक यदि पहले से बने रेलवे के ‘गुड्स शेड’ को विकसित करना चाहता है तो वह ऐसा कर सकता है। विकसित करने के बाद उसे इसके परिचालन का अधिकार होगा। साथ ही किसी छोटे स्टेशन पर कोई निजी निवेशक नया ‘गुड्स शेड’ बनाना चाहता है तो उसे भी परिचालन का अधिकार मिल जाएगा।
हालांकि ‘गुड्स शेड’ बनने के बाद उसे रेलवे को स्थानांतरित करना पड़ेगा। निजी निवेशक का चयन बोली प्रक्रिया के जरिये किया जायेगा। इसके लिए मंडल स्तर पर निविदा जारी की जाएगी। विकसित करने वाली कंपनी को टर्मिनल शुल्क और टर्मिनल ऐक्सेस शुल्क से राजस्व प्राप्त होगा। इन दोनों में जो कंपनी सबसे अधिक हिस्सेदारी रेलवे को देगी उसे परियोजना का ठेका मिलेगा। रेलवे ने माल परिवहन कारोबार विकास के लिए एक पोर्टल भी लॉन्च किया है।
ज्यादा ट्रेन चलाने को तैयार :
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि त्योहारी मौसम की मांग पूरी करने के लिए 416 फेस्टिवल स्पेशल ट्रेन की घोषणा की गई है। जरूरत पड़ने पर फेस्टिवल स्पेशल ट्रेन की संख्या बढ़ाई जाएगी। वर्तमान समय में 682 विशेष ट्रेन चल रही हैं। उन्होंने कहा कि विशेष ट्रेन में औसतन 96 प्रतिशत सीट भरी जा रही हैं। वहीं क्लोन ट्रेन में भी 82 प्रतिशत सीट भरी जा रही हैं।
स्लीपर कोच नहीं हटाए जाएंगे: चेयरमैन
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और सीईओ विनोद कुमार यादव ने गुरुवार को रेलवे के पूर्व बयान के उलट कहा कि 130 से 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली ट्रेन के स्लीपर कोच ना तो हटाए जाएंगे और ना ही उनकी संख्या घटाई जाएगी। इसके पहले रेलवे ने कहा था अधिक गति वाली इन ट्रेन में नॉन-एसी स्लीपर कोच को एसी कोच में बदला जाएगा। लेकिन यादव ने कहा कि रेलवे का पूरा प्रयास एसी कोच में सफर को वहनीय बनाना है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसमें यात्रा कर सकें। रेलवे ने नए तरह के एसी कोच का एक प्रोटोटाइप विकसित किया है जिसके कारण नए एसी कोच का किराया मौजूदा 3 टियर एसी कोच से कम होगा।