गरियाबंद-शुंभम आत्महत्या मामला ने तूल पकड़ा,माँ ने लिखित शिकायत में किया कई अहम खुलासा,बताया तबादला की अनुशंसा पर एक महिला अधिकारी ने माँगे थे 25 हजार। मेडिकल देने के बावजूद अफसर नही कर रहे थे छुट्टी की स्वीकृति।ब्राम्हण महासभा,लिपिक संघ के अलावा कांग्रेस ने भी ज्ञापन सौप कर किया न्यायीक जांच की मांग। देवभोग तहसील में पदस्थ लिपिक शुंभम पात्र ने 15 अक्टूबर को अपने किराये के मकान में आत्महत्या कर लिया था, सुसाइड नोट में अफसरों पर प्रताड़ना का आरोप लगाया था।आज ब्राम्हण महासभा के क्षेत्रीय सदस्यों ने शुंभम की माँ भारती देवी का लिखित आवेदन थाने में लेकर पहूचे।थाना प्रभारी के नाम सौपे ज्ञापन में बताया गया है कि,घरेलू समस्या को अवगत कराते हुए शुंभम के सलग्न के लिए 2019 से कई बार आवेदन दिया गया।एक बार प्रभारी मंत्री की अनुशंषा हो कर भी कलेक्टर में पत्र आ गया।उस समय तबादला देखने वाले एक महिला अधिकारी द्वारा 25 हजार की मांग कि गई।नही देने के कारण स्वेच्छनुसार स्थान पर सलग्न नही किया गया।बगैर डीडीओ पावर के पदस्थ तहसीलदार ने अवैतनिक किया,उन्हें छुट्टी स्वीकृत करने या अस्वीकृत करने का अधिकार नही था, तहसील में पदस्थ होने के बावजूद एसडीएम दफ्तर में सलग्न कर दो दो विभाग का वर्क लोड दिया जाता रहा।सितम्बर माह में बेटा बीमार था,मेडिकल सर्टिफिकेट लगाने के बावजूद उसके कोटे का अवकाश नही दिया गया।आवेदन के साथ ब्राम्हण समाज ने कार्यवाही की मांग पुलिस् से किया गया *लिपिक संघ ने कहा एक पक्षीय कार्यवाही कर प्रताड़ित किया गया है-लिपिक संघ के प्रातीय संघटन सचिव के सुनील यादव ने कहा कि बगैर किसी जांच के ,अधिकार से बाहर जाकर प्रभारी तहसीलदार द्वारा कार्यवाही किया गया है।लिपिक भाई के साथ अन्याय हुआ है।न्यायिक जांच की मांग संघ ने किया है,अगर मांगे पूरी नही हुई तो प्रदेश स्तर पर कार्यवाही की मांग होगि जरूरत पड़ी तो न्यायलय का शरण भी लिया जायेगा। मामले में कांग्रेस के जीला अध्यक्ष भाव सिंह साहू, अजजा प्रकोष्ठ के प्रदेश महामंत्री जनक ध्रुव,दुर्गा चरण अवस्थी ,नीरज ठाकुर,सुखचंद बेसरा,अरुण सोनवानी समेत प्रतिनिधि मंडल पीड़ित परिवार से भेंट किया।कांग्रेस ने एसडीएम से भेंट कर आवश्यक कार्यवाही करने को कहा है।