नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना को राफेल लड़ाकू विमानों का दूसरा बेड़ा मिलने वाला है. नवंबर महीने के पहले सप्ताह में राफेल लड़ाकू विमानों का दूसरा बैच अंबाला पहुंचने वाला है. दूसरे बैच में भारत को तीन से चार लड़ाकू विमान मिलेंगे. इससे पहले 29 जुलाई को पांच राफेल विमानों का पहला बेड़ा भारत पहुंचा था. 10 सितंबर को इन राफेल विमानों को वायुसेना में शामिल किया गया था. भारत ने फ्रांस के साथ करीब चार साल पहले 59,000 करोड़ रुपये की लागत से, 36 विमान खरीदने के लिए करार किया था.
शीर्ष सरकारी सूत्रों ने आजतक से बात करते हुए कहा, ‘नवंबर महीने में भारत को तीन-चार राफेल फाइटर जेट मिलने वाले हैं. ये सभी फाइटर जेट पहले सप्ताह के अंत तक फ्रांस से भारत पहुंच जाएंगे.’
इन चार विमानों के भारत आने के बाद वायुसेना के बेड़े में राफेल विमानों की कुल संख्या 9 हो जाएगी. राफेल की पहली खेप को आधिकारिक तौर पर भारतीय वायुसेना अपने बेड़े में शामिल कर चुकी है. जुलाई महीने में मिली 5 शुरुआती राफेल विमानों को अंबाला के एयरफोर्स स्टेशन पर तैनात किया गया है. राफेल फाइटर जेट को उड़ाने का जिम्मा वायुसेना में 17 गोल्डन एरो स्क्वाड्रन को दिया गया है.
लद्दाख में चीन से जारी तनाव के बीच राफेल लगातार वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सरहदों की निगरानी कर रहा है. अत्याधुनिक हथियारों से लैस राफेल ने एलएसी पर चीन के हर हौसले को पस्त कर दिया है.
फ्रांस से राफेल की दूसरी खेप आने के बाद इन्हें पश्चिम बंगाल के कलईकुंडा एयरफोर्स स्टेशन पर तैनात किया जाएगा. चीन से लगती पूर्वी सीमा की सुरक्षा के लिए 4.5 फोर्थ जेनरेशन के इस फाइटर जेट को बंगाल में तैनात किया जाएगा ताकि चीन कोई चाल ना चल सके.
बता दें कि फ्रांस से भारत ने करीब 58 हजार करोड़ रुपये में कुल 36 राफेल फाइटर जेट का सौदा किया है. साल 2021 तक ये सभी फाइटर जेट भारत को मिलनी की उम्मीद है, जिसमें से 10 इसी साल मिल रहे हैं.
राफेल फाइटर जेट की सबसे बड़ी खासियत ये है कि बिना दुश्मन देश की सीमा में प्रवेश किए चीन और पाकिस्तान में यह 600 किलोमीटर दूर तक के टारगेट को आसानी से तबाह कर सकता है. इस फाइटर जेट में बिना धरती पर उतरे हवा में ही ईंधन भरा जा सकता है. एयर स्ट्राइक के लिए इसे बेहद जबरदस्त माना जाता है.