रायपुर। छत्तीसगढ़ तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष राकेश साहू एवं जिलाध्यक्ष सुखीराम धृतलहरे ने बताया कि वर्ष 2000 में राज्य विभाजन के पश्चात विघटित राज्य परिवहन निगम के कर्मचारियों/अधिकारियों को छत्तीसगढ़ शासन परिवहन विभाग, मंत्रालय दाऊ कल्याण सिंह भवन रायपुर, मुख्य सचिव पी.जान.उम्मैन, छत्तीसगढ़ शासन के पत्र क्रमांक एफ 2-12/दो/आठ-परि/2006 रायपुर, दिनांक 29/06/2010 द्वारा विभाग/निगम मंडलों में रिक्त पद पर संविलियन करने निर्देश प्रदान किए गए हैं। छत्तीसगढ़ शासन परिवहन विभाग मंत्रालय रायपुर, विशेष सचिव, अशोक जुनेजा, परिवहन विभाग द्वारा पूर्ववर्ती मध्य प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के अधिकारियों/कर्मचारियों का विभिन्न निगमों/मंडलों में संविलियन के नियम ज्ञापन क्रमांक 1209/1265/दो-आठ/परि/07, रायपुर दिनांक 10/12/2007 द्वारा राज्य के समस्त विभाग, समस्त विभागाध्यक्ष, समस्त जिला अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ शासन, राज्यपाल के सचिव राजभवन, सचिव छत्तीसगढ़ विधानसभा, रजिस्ट्रार छत्तीसगढ़ न्यायालय, प्रबंध संचालक सीआईडीसी को पृष्ठांकित किया गया। अर्थात यह स्पष्ट है कि छत्तीसगढ़ राज्य शासन सामान्य प्रशासन विभाग के नियम राज्य के सभी विभागों, निगम मंडलों, बोर्डों मैं यथावत लागू होंगे। वर्ष 2011 में सामान्य प्रशासन विभाग छत्तीसगढ़ शासन के अनुकंपा नियुक्ति के संबंध में पंचायत विभाग के अंतर्गत शिक्षाकर्मी के पद पर नियुक्ति दिए जाने का प्रावधान था जिसमें बीएड, डीएड और टीईटी की अनिवार्य योग्यता थी। अर्थात राज्य के आकस्मिक निधन हुए कर्मचारियों को अनुकंपा नियुक्ति के लिए योग्यता अनुसार तत्काल पूरा कर पाना संभव नहीं था। कर्मचारी संगठन की मांग पर वर्ष 2013 में छत्तीसगढ़ शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा पुनः संशोधित कर तृतीय श्रेणी एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों में योग्यता अनुसार नियुक्ति के निर्देश हुए हैं।
इस दौरान सीआईडीसी पूर्व राज्य परिवहन निगम के आकस्मिक निधन हुए स्वर्गीय अश्वनी शर्मा परिचालक, स्वर्गीय सतीश शर्मा परिचालक, स्वर्गीय गणपति प्रसाद यादव परिचालक, स्वर्गीय जुगल किशोर मिश्रा उच्च श्रेणी लिपिक, स्वर्गीय उदय प्रताप सिंह गौर, स्वर्गीय महेंद्र कुमार बडगैय्या परिचालक, स्वर्गीय चंद्रशेखर पांडे और स्वर्गीय प्रीतम सिंह छाबड़ा के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की गई है। किंतु वर्ष 2013 में समान प्रशासन विभाग छत्तीसगढ़ शासन के अनुकंपा नियुक्ति निर्देश के बावजूद अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों को जिला स्तर पर रोक कर छत्तीसगढ़ शासन समान प्रशासन विभाग के निर्देशों की अवहेलना करते हुए विभागीय और जिला कलेक्टरों द्वारा प्रकरणों को डंप कर एकत्र कर दिया गया। फलस्वरुप लगभग 75 परिवार दर-दर भटकने मजबूर हो गए। मुख्य सचिव आरपी मंडल, अपर मुख्य सचिव वित्त विभाग अमिताभ जैन, सचिव परिवहन विभाग कमलप्रीत सिंह, सचिव सामान्य प्रशासन विभाग रीता शांडिल्य, प्रबंध संचालक सीआईडीसी आशीष भट्ट द्वारा दिसंबर 2019 में संचालक मंडल में विभिन्न निगमों/मंडलों में रिक्त पदों में अनुकंपा नियुक्ति देने के लिए निर्णय लिया गया।
तत संबंध में माननीय उच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 09/12/2020 में, अप्रैल 2020 तक नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण करने के निर्देश जारी किए गए हैं। यदि पूर्व राज्य परिवहन निगम के कर्मचारियों के 75 परिवार के आश्रित सदस्यों को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जाएगी तो इसमें रू. 15,600/- न्यूनतम वेतन के आधार पर सालाना लगभग 01 करोड़ 40 लाख रुपए राशि का व्यय भार होगा। जो कि शासन द्वारा किए जा रहे अन्य व्ययों से बहुत कम है। निगम मंडलों के संचालक मंडल की बैठक द्वारा दिसंबर 2019 में लिए गए निर्णय के उपरांत आज तक आदेश जारी नहीं किया है। माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर द्वारा पारित आदेश का पालन नहीं किया जाना निराशाजनक है। हताश होकर संगठन के तत्वाधान में परिजनों द्वारा उपवास किया जा रहा है। मांगे जल्दी पूरी नहीं किए जाने पर शांति स्वरूप आंदोलन को उग्र रूप में परिवर्तित किया जाएगा, जिसकी सारी जवाबदेही शासन की होगी।
आज के उपवास में शामिल हुए परिजनों में भूपेंद्र साहू, देवीलाल शुक्ला, के के पांडे, विवेक चौहान, मोहम्मद जुनेद, जगजीत सिंह, प्रेम नारायण साहू, सूरज शर्मा, देवेंद्र शर्मा एवं साकेत शर्मा द्वारा उपवास किया गया और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के नाम अनुकंपा नियुक्ति के आदेश को जारी करने हेतु कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। इस प्रदर्शन में संगठन के प्रांताध्यक्ष राकेश साहू, जिलाध्यक्ष सुखीराम धृतलहरे, उपाध्यक्ष गजेश यदु, महामंत्री प्रकाश शुक्ला, भीम लाल मोटघरे, पद्मावती साहू,श्रीमती ममता एवं अन्य साथियों ने अपनी उपस्थिति देकर आंदोलन को अपना समर्थन दिया।