रायपुर। छत्तीसगढ़ को अब दवा हब बनाने की दिशा में पहल शुरू हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के संसदीय सचिव विनोद चंद्राकर ने खाद्य एवं औषधी विभाग को पत्र लिखकर दवा हब बनाने की दिशा में आगे बढ़ने का निर्देश दिया है। इसके लिए देश-विदेश की बड़ी दवा कंपनियों से संपर्क किया जाएगा। प्रदेश में दवा उद्योग के शुरू होने से न सिर्फ हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा, बल्कि दवा की गुणवत्ता पर भी नियंत्रण होगा। इसके साथ ही दवाओं और खाद्य पदार्थों की जांच के लिए अत्याधुनिक प्रयोगशाला बनाने की भी तैयारी शुरू की गई है। प्रदेश में नकली दवा के कारोबार पर लगाम लगाने के लिए प्रयोगशाला एक कारगर कदम होगा।
विनोद चंद्राकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ में दवा उद्योग में अपार संभावना है। कांग्रेस ने घोषणा पत्र में भी वादा किया था कि युवाओं को रोजगार के लिए स्थानीय स्तर पर अवसर पैदा किया जाएगा। प्रदेश में अमानक खाद्य पदार्थों और सब्जियों की जांच के लिए कोई प्रयोगशाला नहीं है। सब्जियों में रासायनिक प्रदार्थों की मात्रा का पता लगाने और सब्जियों की पैदावार को बढ़ाने के लिए स्टेरायड का इस्तेमाल किया जा रहा है। जांच लैब नहीं होने के कारण आम आदमी को हानिकारण पदार्थों का सेवन करना पड़ रहा है। नकली खोवा और अन्य सामग्री की जांच में लंबा समय लगने के कारण आरोपी बच जाते हैं। इसके साथ ही खाद्य एवं औषधी विभाग में निरीक्षकों के रिक्त पदों पर भर्ती और पदोन्नति के बारे में भी पत्र लिखा है।
चंद्राकर ने कहा कि विभाग में पूरा अमला होने के बाद नकली और जहरीले खाद्य पदार्थों और दवाओं पर कार्रवाई में भी तेजी आएगी।