Goat Farming: बारिश का मौसम आ चुका है, और यह समय पशुपालकों के लिए से सावधानी बरतने का होता है। भेड़-बकरी ही नहीं, तमाम दुधारू पशुओं के लिए बीमारियां लेकर आता है बकरियों के स्वास्थ्य की देखभाल इस मौसम में और भी अहम हो जाती है। बारिश के दौरान बकरियों के पेट में कीड़े पड़ने का खतरा बढ़ जाता है, तमाम दुधारू पशुओं के लिए बीमारियां लेकर आता है.
जिससे उनका स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। पशु चिकित्सकों के अनुसार, बकरियों को कुछ विशेष पेड़ों के पत्ते खिलाकर इस समस्या से बचाया जा सकता है। आइए जानते हैं कौन से हैं ये तीन पेड़ जिनके पत्ते बकरियों के लिए लाभकारी होते हैं।
इस पेड़ के पत्ते खिलाने से बकरी के पेट में नहीं होंगे कीड़े
सीआईआरजी की सीनियर साइंटिस्ट नीतिका शर्मा ने किसान तक को बताया कि अमरुद, नीम और मोरिंगा में टेनिन कांटेंट और प्रोटीन की मात्रा बहुत होती है. अगर वक्त पर हम तीनों पेड़-पौधे की पत्तियां बकरियों को खिलाते हैं तो उनके पेट में कीड़े नहीं होंगे. पेट में कीड़े होना बकरे और बकरियों में बहुत ही परेशान करने वाली बीमारी है. पेट में अगर कीड़े होंगे तो उसके चलते बकरे और बकरियों की ग्रोथ नहीं हो पाएगी. पशुपालक जितना भी बकरे और बकरियों को खिलाएगा वो उनके शरीर को नहीं लगेगा. खासतौर पर जो लोग बकरियों को फार्म में पालते हैं और स्टाल फीड कराते हैं उन्हें इस बात का खास ख्याल रखना होगा.
अगर आप बकरे-बकरियों को फार्म में पालते हैं. उन्हें खुले मैदान और जंगल में चरने का मौका नहीं मिल पाता है. नीम, अमरुद, मोरिंगा आदि पेड़-पौधे की पत्तियां आपको आसपास नहीं मिल पाती हैं तो इसमे परेशान होने की बात नहीं है. सीआईआरजी ऐसे पत्तों की दवाई बाजार में बेच रहा है.
बकरी के बच्चों के लिए रामबाण है नीम गिलोय
साइंटिस्ट नीतिका शर्मा ने बताया कि अगर हम खुले मैदान में या फिर किसी जंगल में जाएं तो हमे नीम गिलोय दिख जाएगा. यह नीम के पेड़ पर ही पाया जाता है. शायद इसीलिए इसे नीम गिलोय भी कहा जाता है. स्वाद में यह कड़वा होता है. अगर हम नीम गिलोय की पत्तियां बकरी के बच्चों को खिलाएं तो उनके शरीर में बीमारियों से लड़ने की ताकत आ जाएगी. यह बच्चे जल्द ही बीमार भी नहीं पड़ेंगे. जिसके चलते पशुपालक बकरियों की मृत्य दर को कम कर सकेंगे. यह हम सभी जानते हैं कि बकरी पालन में सबसे ज्यादा नुकसान बकरी के बच्चों की मृत्य दर से ही होता है.