नई दिल्ली । आईआईटी हैदराबाद के प्रोफेसर एम. विद्यासागर की अध्यक्षता में बनी विशेषज्ञ समिति ने रविवार को अपने अध्ययन के नतीजे जारी किए।
प्रोफेसर विद्यासागर और आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मनींद्र अग्रवाल ने प्रेस कांफ्रेस में कहा कि फरवरी 21 तक लक्षणों वाले संक्रमितों की संख्या 106 लाख होगी जो अभी 67 लाख के करीब है।
फरवरी तक महामारी पर काबू होने की भी उम्मीद है। लेकिन यह तभी संभव होगा जब लोग कोरोना से बचाव के नियमों का पूरी तरह से पालन करना जारी रखें। अध्ययन में कहा गया है कि अब तक देश में 30 फीसदी आबादी कोरोना से संक्रमित हो चुकी है। आईसीएमआर के सीरो सर्वे में यह आंकड़ा सात फीसदी था। लेकिन नये अध्ययन के अनुसार अगस्त अंत तक ही 14 फीसदी संक्रमित हो चुके थे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि लॉकडाउन नहीं किया जाता तो जून में 1.40 करोड़ सक्रिय लक्षणों वाले मामलों के साथ पीक आती। अगस्त तक 26 लाख से ज्यादा मौतें हो सकती थी। फरवरी 21 तक 2.04 करोड़ संक्रमित होते। यदि एक अप्रैल से एक मई के बीच ही लाकडाउन होता तो जून तक 40-50 लाख सक्रिय मामलों के साथ पीक आती।
अगस्त आखिर तक 7-10 लाख मौतें होती। फरवरी 21 तक 1.50-1.70 करोड़ लक्षणों वाले मरीज हो जाते। रिपोर्ट के अनुसार जो लाकडाउन लगाया गया उससे सितंबर में 10 लाख सक्रिय मरीजों के साथ संक्रमण पीक पर पहुंचे। सितंबर में एक लाख मौतें पहुंची और फरवरी 21 तक 1.06 करोड़ लोग लक्षणों के साथ संक्रमित होंगे।