कर्मचारी चाहे सरकारी हो या प्राइवेट, सभी को दशहरा और दीपावली का सबसे ज्यादा इंतजार होता है। ऐसा इसलिए नहीं कि उसे त्यौहार बहुत पसंद है, बल्कि इसलिए क्योंकि इस दौरान उन्हें सालभर में मिलने वाला बोनस मिलता है। इस बोनस के सहारे वह ऐसे काम करना चाहता है, जिसे उसने पहले से सोच रखा था। बहुत से कर्मचारियों के खाते में बोनस पहुंच गया होगा तो कई लोगों को अभी भी इंतजार होगा। इन सब के बीच बोनस से जुड़े तमाम सवाल मन में आते हैं।
बोनस किनको मिलता है, कैसे मिलता है और कब मिलता है, नहीं मिल रहा है तो क्या करें। ये ऐसे सवाल हैं जिसका जवाब जानने की उत्सुकता हमारे मन में होती है, लकिन बहुत कम लोग हैं, जो इन सवालों के बारीक जवाब से वाकिफ होते हैं। आइए आज इन सभी सवालों के जवाब इस जानकारी के माध्यम से लेते हैं।
क्या है बोनस भुगतान अधिनियम 1965?
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट से मिली जानकारी के मुताबिक, बोनस भुगतान अधिनियम, 1965 उन निश्चित प्रतिष्ठानों में कर्मचारियों को बोनस भुगतान मुहैया कराता है, जहां 20 या उससे अधिक कर्मचारी काम करते हैं। बोनस लाभ के आधार पर अथवा उत्पादन या उत्पादकता तथा संबंधित मामलों के आधार पर होता है।
कंपनी से कितना मिल सकता है बोनस ?
बोनस भुगतान अधिनियम, 1965 की धारा 10 के अंतर्गत प्रत्येक उद्योग एवं संस्थानों द्वारा कम से कम 8.33 फीसदी बोनस देय है। किसी वित्तीय वर्ष में भुगतान किया जाने वाला अधिकतम बोनस जिसमें उत्पादकता से जुड़ा बोनस भी शामिल होता है, वह इस अधिनियम की धारा 31ए के अंतर्गत किसी कर्मचारी के वेतन या मेहनताना के 20 फीसदी से अधिक नहीं होगा।
इन कर्मचारियों को मिलता है बोनस ?
क्या सभी संस्थानों को बोनस देना जरूरी है या फिर सभी कर्मचारी साल में बोनस पाने के हकदार हैं, तो इस सवाल का जवाब है नहीं। बोनस देने और पाने के कई नियम हैं। जिस कंपनी में कम से कम 20 या उससे अधिक कर्मचारी काम करते हैं, उस संस्थान में बोनस देने का नियम है। जिस कर्मचारी की सैलरी 21,000 प्रति माह तक है या इससे कम है, वह बोनस का हकदार है। इसके अलावा जिसने पिछले साल में कम से कम 30 दिन काम किया है, उसे भी कंपनी द्वारा दिया जाने वाला बोनस मिलता है।
बोनस एक्ट में शामिल नहीं हैं ये कर्मचारी ?
अब जानते हैं आखिर कौन-कौन से ऐसे संस्थान हैं, जहां के कर्मचारी बोनस की मांग नहीं कर सकते हैं। नियम के मुताबिक, एलआईसी द्वारा नियोजित कर्मचारी पर, विश्वविद्यालय और शिक्षण संस्थान, चैम्बर ऑफ कॉमर्स, सोशल वेलफेयर इंस्टीट्यूशन और इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी इसमें शामिल हैं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा नियोजित कर्मचारी। अगर आपकी कंपनी 5 साल पुरानी नहीं है तो आपको बोनस देने या नही देने का फैसला वह करती है।
दीपावली पर ही क्यों मिलता है बोनस ?
दीपावली के आसपास ही सभी कंपनियां बोनस क्यों देती हैं, जबकि त्यौहार तो सालभर पड़ते हैं। इसके पीछे भी एक नियम है। एक्ट में इस बात का उल्लेख है कि फाइनेंशियल ईयर (1 अप्रैल-31 मार्च) के शुरू होने के आठ महीने के अंदर बोनस दिया जाना चाहिए। इसलिए कंपनी के द्वारा अपने कर्मचारियों को बोनस का भुगतान दीपावली के समय किया जाता है। जो मार्च-अप्रेल से लगभग 8 महीने के बाद पड़ती है।