सुरजीत कौर, रायगढ़। Chhattisgarh : छत्तीसगढ के बिलासपुर जिले में डायरिया के मरीज बढ़ रहे है। बरसात के मौसम मे गंदगी से होने वाली मौसमी बिमारी डायरिया से बचने सावधानी अत्यंत जरूरी है। स्वास्थ्य विभाग की माने तो रायगढ़ मे डायरिया के प्रकोप से बचने पूरी एहतियात बरती जा रही है।
रायगढ़ जिले के पड़ोसी जिले बिलासपुर में डायरिया के मरीज बढ़ रहे है। मुख्य रूप से गंदगी से होने वाली इस मौसमी बीमारी डायरिया से बचने साफ सफाई बेहद जरूरी है। रायगढ़ जिले मे स्वास्थ्य विभाग ने डायरिया से बचने जागरूकता अभियान चलाया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ के माध्यम से लोगो के घरो मे ORS और दवाईया पहुंचाई जा रही है।
रायगढ़ शहर की बात करें तो यहां जगह-जगह कचरे के ढ़ेर नजर आ रहे है, ये कचरा खुले मे हफ्ते महीने पड़ा रहता है। ऐसे मे डायरिया का खतरा रायगढ़ मे भी मंडरा रहा है।
इस मौसम मे ज़ब डायरिया फैलाने वाले बैक्टीरिया को पनपने अनुकूल वातावरण मिल रहा है तो बेहद जरूरी हों जाता है कि हम अपने आसपास साफ सफाई का विशेष ध्यान रखे। इसके साथ ही रायगढ़ नगर निगम का भी ये दायित्व है कि साफ सफाई को लेकर अलर्ट रहे वर्ना बिलासपुर जिले कि तरह रायगढ़ मे भी डायरिया फ़ैलने मे देर नहीं होंगी।
गंभीर दस्त के संकेत और लक्षण
दस्त के गंभीर मामले किसी चिकित्सा स्थिति, जैसे गंभीर संक्रमण, का संकेत हो सकते हैं, जो स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के उपचार के बिना ठीक नहीं हो सकता।
- बुखार ।
- गंभीर दर्द।
- उल्टी करना।
- आपके मल में रक्त या बलगम होना।
- वजन कम होना (यह इस बात का संकेत हो सकता है कि आपका शरीर पर्याप्त पोषक तत्वों को अवशोषित नहीं कर रहा है)।
यदि आपको निर्जलीकरण के लक्षण महसूस हो रहे हों या अपने बच्चे में निर्जलीकरण के लक्षण दिख रहे हों, तो अपने चिकित्सक से संपर्क करें, जिनमें शामिल हैं:
- सिरदर्द ।
- लाल, सूखी त्वचा.
- चिड़चिड़ापन एवं भ्रम.
- गंभीर मतली और उल्टी.
- हल्का-हल्कापन और चक्कर आना ।
- थकान (ऐसी थकान जो आराम करने से ठीक नहीं होती)।
- गहरे रंग का पेशाब, कम मात्रा में पेशाब या बिल्कुल भी पेशाब न आना।
- प्रतिदिन छः से कम गीले डायपर (शिशु)।
- आठ घंटे तक डायपर गीला न करें या पेशाब न करें (छोटे बच्चों के लिए)।
- रोते समय आंसू न आना (शिशुओं और बच्चों में)।