बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार ने शुक्रवार को बांग्लादेश में राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू की घोषणा की.
बांग्लादेश में सत्तारूढ़ अवामी लीग पार्टी के महासचिव ओबैदुल कादर ने यह घोषणा की. यह घोषणा पुलिस और सुरक्षा अधिकारियों द्वारा प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी और राजधानी में सभी सभाओं पर प्रतिबंध लगाये जाने के बाद की गई. मीडिया की खबरों के अनुसार, हिंसा में कई लोग मारे गए हैं. कादर ने कहा कि नागरिक प्रशासन को व्यवस्था बनाए रखने में मदद करने के लिए सेना को तैनात किया गया है.
245 भारतीय स्वदेश लौटे
वहीं भारत सरकार ने शुक्रवार को बांग्लादेश में जारी छात्रों के विरोध-प्रदर्शन को ढाका का आंतरिक मामला करार दिया, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि वह वहां रह रहे 15,000 भारतीयों की सुरक्षा को लेकर स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है.ढाका और अन्य शहरों में विश्वविद्यालय के छात्र 1971 में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राह के लिए लड़ने वाले युद्ध नायकों के रिश्तेदारों के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों को आरक्षित करने की प्रणाली के खिलाफ कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं.
आरक्षण में सुधार की मांग लेकर प्रदर्शन
आरक्षण प्रणाली में सुधार की मांग को लेकर छात्रों के विरोध प्रदर्शन के दौरान राजधानी ढाका तथा अन्य जगहों पर हिंसा भड़क गई है. इसमें करीब 30 व्यक्तियों की मौत हो चुकी है और कोई अन्य घायल हुए हैं.विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए बताया कि बांग्लादेश में रह रहे 8,500 छात्रों सहित 15,000 भारतीय सुरक्षित हैं