यूपीएससी के चेयरमैन मनोज सोनी ने निजी कारणों से इस्तीफा दे दिया है. कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के सूत्रों के मुताबिक उनका इस्तीफा अभी तक स्वीकार नहीं किया गया है. मनोज सोनी का कार्यकाल 2029 में खत्म होना था. मगर उन्होंने करीब पांच साल पहले ही इस्तीफा दे दिया.
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मनोज सोनी ने लगभग एक महीने पहले इस्तीफा दे दिया था. सूत्र की मानें तो अभी यह स्पष्ट नहीं है कि उनका इस्तीफा स्वीकार किया जाएगा या नहीं. सूत्र ने यह भी स्पष्ट किया कि इस इस्तीफे का यूपीएससी उम्मीदवारों द्वारा नौकरी पाने के लिए फर्जी प्रमाण पत्र पेश करने से जुड़े विवाद से कोई लेना-देना नहीं है. ऐसा माना जा रहा है कि मनोज सोनी ने अपना इस्तीफा भारत के राष्ट्रपति को सौंप दिया है. हालांकि, सरकार ने अभी तक नए अध्यक्ष के नाम की घोषणा नहीं की है.
कौन हैं मनोज सोनी?
सूत्रों के अनुसार, मनोज सोनी अब अपना अधिक समय गुजरात में स्वामीनारायण संप्रदाय की एक ब्रांच अनूपम मिशन को देना चाहते हैं. साल 2020 में दीक्षा प्राप्त करने के बाद वे अनूपम मिशन में एक साधु या निष्काम कर्मयोगी बन गए. मनोज सोनी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करीबी माना जाता है. 2005 में जब वे 40 वर्ष के थे, तब नरेंद्र मोदी ने उन्हें वडोदरा के प्रसिद्ध एमएस विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया था. इस तरह वे देश के सबसे कम उम्र के कुलपति बने थे.