हिन्दू धर्म के तीर्थ प्राय: देवताओं के निवास-स्थान महत्वपूर्ण तीर्थ हैं और इसके अलावा कई तीर्थ महत्वपूर्ण ऐतिहासिक व्यक्तियों के जीवन से भी सम्बन्धित हो सकते हैं। उदाहरण के लिए मास्को में लेनिन की समाधि साम्यवादियों के लिए एक तीर्थ है। भारत की सांस्कृतिक एकता को मजबूत करने के लिए आदि शंकराचार्य ने भारत की चार दिशाओं में चार धामों की स्थापना की। उत्तर में बद्रीनाथ, दक्षिण में रामेश्वरम, पूरब में जगन्नाथपुरी और पश्चिम में द्वारिका। हिन्दुओं के यह चार धाम हैं।
सर्वश्रेष्ठ तीर्थ,
तीर्थ जैसे अमरनाथ, केदारनाथ, वैष्णो देवी आदि तो यादगारें हैं कि यहाँ पर ऐसी घटना घटी थी ताकि उनका प्रमाण बना रहे। जबकि श्रीमद्देवी भागवत (देवी पुराण) के छठे स्कन्ध, अध्याय 10 पृष्ठ 417 पर चित्तशुद्ध तीर्थ यानि तत्वदर्शी संत के सत्संग रूपी तीर्थ को सर्वश्रेष्ठ बताया गया है।
2. भगवान के श्रीविग्रह के सामने पैर पसारकर बैठना अशुभ माना जाता है
3. मूर्ति के सामने सोना और घुटनों को ऊंचा करके उवकों हाथों से लपेटकर नहीं बैठना चाहिए
4. तीर्थ यात्रा के दौरान झूठ कभी ना बोले इससे आपको यात्रा का फल नहीं मिलता
5. श्री भगवान के श्रीविग्रह के सामने जोर से ना बोलें
6. आपस में बातचीत कर दुसरों की बुराई नहीं करना चाहिए
7. मूर्ति के सामने चिल्लाना और कलह न करेंए इससे आपको फल नहीं मिलता
8. भगवान के दर्शन के समय अश्लील शब्द कभी ना बोलें
9. भगवान को निवेदित किए बिना किसी भी वस्तु को नहीं खाना.पीना चाहिए
10. ऋतु फल खाने से पहले भगवान को जरुर चढ़ाएंक्या है तीर्थ
तीर्थ संस्कृत का शब्द है और इसका अर्थ है पाप से तारने वाला या पार उतारने वाला। पुण्य-पाप की भावना सभी धर्मों में हैं। इस भावना का, तीर्थ का अभिप्राय है पुण्य स्थान या ऐसा स्थान जो पुनीत हो और अपने यहां आने वालों में भी पवित्रता का संचार कर सके।