जशपुर। Chhattisgarh : जशपुर पुलिस ने पशु तस्करी के खिलाफ एक और बड़ी जीत हासिल की है। कुख्यात सरगना जसिम शाह समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है, और 22 मवेशियों को उनके चंगुल से छुड़ाया गया है। पुलिस ने सभी आरोपियों का शहर में जुलूस भी निकला है।
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बता दें 25-26 जुलाई की रात, जशपुर के पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह को एक विश्वसनीय मुखबिर से सूचना मिली कि कुख्यात तस्कर जसिम शाह लोरो घाटी जंगल से मवेशियों को झारखंड ले जाने की योजना बना रहा है। तत्काल एसडीओपी चंद्रशेखर परमा और निरीक्षक कृष्ण कुमार साहू के नेतृत्व में अलग-अलग टीम गठित कर लोरो घाटी के घने जंगलों में पुलिस ने तगड़ी घेराबंदी की और जसिम शाह सहित छह तस्करों को धर दबोचा।
गिरफ्तार आरोपियों में जसिम शाह (28), सरवर आलम (38), जैयुल खान (20), सलेम खान (45), गोपाल राम (23), और मुकुंद राम यादव (46) शामिल हैं।
तस्करों का नया नारा: ‘पशु तस्करी करना पाप है, पुलिस हमारी बाप है’
गिरफ्तारी के दौरान तस्करों ने नेशनल हाईवे 43 पर नारा लगाया, “पशु तस्करी करना पाप है, पुलिस हमारी बाप है।” इस नारे ने तस्करों की हताशा और पुलिस की सख्त कार्यवाही को उजागर किया है।
सिस्टमेटिक तस्करी का खुलासा
पूछताछ में पता चला कि जसिम शाह इस रैकेट का मास्टरमाइंड था। सलेम खान और सरवर आलम उसके लिए मवेशी खरीदते थे, जबकि जैयुल खान और गोपाल राम इस काम में उनकी मदद करते थे। मुकुंद राम यादव स्थानीय ग्रामों से मवेशियों को इकट्ठा कर जंगल तक पहुंचाता था।
जशपुर पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई
जशपुर पुलिस द्वारा पिछले कुछ महीनों में 200 से अधिक मवेशियों को तस्करों से छुड़ाया गया है। पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह ने स्पष्ट किया है कि यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक पशु तस्करी पूरी तरह से समाप्त नहीं हो जाती।
अंतरराष्ट्रीय तस्करी का नेटवर्क
जशपुर जिले से मवेशियों की तस्करी अंतरराष्ट्रीय स्तर तक फैली हुई है। एक रिपोर्ट के अनुसार, तस्कर मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ से मवेशियों को झारखंड, पश्चिम बंगाल होते हुए बांग्लादेश तक ले जाते हैं। भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद से मवेशियों की तस्करी पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की जा रही है।