बिलासपुर। CG NEWS : केबल व्यवसायी अशोक अग्रवाल व उनके बेटे अभिषेक अग्रवाल, संजय खन्ना समेत 9 डायरेक्टरों के खिलाफ प्रार्थी डायरेक्टर ने 10 जून 2020 को रायपुर के देवेन्द्र नगर थाने में 68 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी और अमानत में खयानत की शिकायत दर्ज कराई, जिसपर पुलिस ने धारा 409, 420, 120 – B, 34 के तहत मामला दर्ज किया था, वहीं अब आरोपियों ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में राहत अर्जी दाखिल की थी और उसे रद्द करने की मांग की, जिसपर हाई कोर्ट ने याचिका खारिज कर स्पष्ठ रूप से कहा कि आरोपों की पुष्टि हो रहे हैं, इसलिए चार्जशीट अनुसार कार्रवाई होगी।
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बता दें कि यह पूरा मामला 68 करोड़ से अधिक के घोटाले का है, इसमें हैथवे सी. सी. एन मल्टीनेट प्राईवेट लिमिडेट के डायरेक्टर बिलासपुर निवासी अशोक अग्रवाल, पुत्र अभिषेक अग्रवाल, संजय खन्ना, दुलाल बैनर्जी, मयुर गोविंद भाई कनानी, सुधीर सरीन, सुनील सेठी, राजेश कुमार मितल ने मिलकर कंपनी को वर्ष 2010 से 2020 तक 68 करोड़ 30 लाख का चूना लगाया था।
दरअसल हैथेवे सी. सी. एन मल्टीनेट प्राईवेट लिमिडेट में संचालकगण अभिषेक अग्रवाल, दुलाल बैनर्जी, मयुर गोविंद भाई कनानी, सुधीर सरीन, संजय खन्ना, सुनील सेठी, राजेश कुमार मितल एवं कम्पनी के प्रबंधक अशोक अग्रवाल के खिलाफ प्रार्थी ने शिकायत की थी कि आरोपियों द्वारा केबल व्यवसाय में कुछ न कुछ बहाना बनाकर लाभांश देने से टाल मटोल किया जा रहा था, जिसपर मैं भी भरोसा करके मान जाता था, इसी प्रकार वर्ष 2016 में सेटअप बाक्स लगवाने में भी काफी गडबडी किया गया एवं मुझे लाभांश भी नही दिया गया, इस तरह से हैथेवे सी.सी.एन मल्टीनेट प्राईवेट लिमिटेड कम्पनी के संचलाकगण एवं प्रबंधको के द्वारा कुटरचित कर करोड़ो रूपये का घपला कर हैथेवे सी.सी. एन मल्टीनेट प्राईवेट लिमिटेड कम्पनी को हानि पहुचाया गया और षड़यंत्र एवं धोखाधड़ी कर हानि पहुचायी गई।
इसी बीच वर्ष 2016 में भारत सरकार द्वारा केबल सर्विस को डिजिटल करने के लिए डिजिटल बाक्सेस लगाने का निर्देश जारी करने पर हमारी कम्पनी द्वारा डिजिटल कनेक्शन दिया जाना एवं प्रारंभ से मौजूद कनेक्शन को डिजिटल किया जाना प्रारंभ किया गया, जिस बात की जानकारी अभिषेक अग्रवाल द्वारा ही दी गई थी। इसके पश्चात मैने अभिषेक अग्रवाल एवं कम्पनी के अन्य तत्कालीन संचालकगणो से जो कि अभिषेक अग्रवाल के पूर्व परिचित थे को भी मुझे लाभांश की राशि दिये जाने का आग्रह किया। जिस पर उक्त व्यक्तियो द्वारा मुझे यह कहकर टाल मटोल किया गया की अभी डिजिटल कनेशन का कार्य प्रारंभ हुआ है। डिजिटल कनेक्शन का कार्य पूर्ण होते ही आपको लाभाश कि राशि का भुगतान कर दिया जायेंगा। जिस पर मैने उपरोक्त व्यक्तियो की बातो पर विश्वास कर लिया। किन्तु इसके पश्चात भी उपरोक्त व्यक्तियो द्वारा मुझे लाभांश की राशि का भुगतान नहीं किया गया। इस बीच मुझे कभी भी संचालक के हैसियत से अभिषेक अग्रवाल एवं अन्य संचालकगणो द्वारा कंपनी की बैठको मे नहीं बुलाया गया। इस प्रकार उपरोक्त व्यक्तियो के लगातार टाल मटोल करने पर मुझे संदेह होने पर मैने के कंपनी के हिसाब किताब के संबध में जानकारी लेने का प्रयास किया। जिस पर मुझे इस बात की जानकारी प्राप्त हुई की कम्पनी के हिसाब किताब में अभिषेक अग्रवाल दुलाल बैनर्जी, मयुर गोविंद भाई कनानी, सुधीर सरीन, संजय खन्ना, सुनील सेठी राजेश कुमार मितल एवं कम्पनी के प्रबंधक अशोक अग्रवाल द्वारा आपसी सांठ गांठ कर इंदौर (म.प्र.) से अज्ञात स्त्रोत से अवैध सेटअप बाक्स क्रय कर एवं उक्त सेटअप बाक्स को कम्पनी के व्यवसाय में उपयोग किया गया है। जिस संबंध मे उपरोक्त व्यक्तियो द्वारा अवैध सेटअप बाक्स को कम्पनी के व्यवसाय में उपयोग किये जाने के संबंध में फर्जी एवं कूटरचित दस्तावेजो का उपयोग किया गया है। इस प्रकार उपरोक्त व्यक्तियो द्वारा आपसी सांठ गाठ कर जानकारी के बिना अवैध सेटअप बाक्सो को कंपनी के व्यवसाय में दस्तावेजो की कूटरचना कर खपाकर हैथवे सी. सी.एन मल्टीनेट प्रा0लि0 कंपनी को लगभग 3,30,00000/- रू. (अक्षरी तीन करोड़ तीस लाख रूपये ) की आर्थिक क्षति कारित की गई।
जिस संबंध में मुझे भी कंपनी के संचालक एवं शेयर होल्डर होने के आधार पर नुकसान हुआ है। उक्त तथ्य की पुष्टी लोकल केबल आप्रेटर से एवं केवल सर्विस लेने वाले ग्राहको से की जा सकती है। इसी प्रकार प्रार्थी को इस बात की भी जानकारी प्राप्त हुई कि, उपरोक्त व्यक्तियो द्वारा केबल नेटवर्किंग व्यवसाय से प्राप्त होने वाली राशि में सें लगभग 10,00,00,000/- रू. (अक्षरी दस करोड़ रूपये ) की राशि एवं कंपनी को कैरिज फीस के रूप में प्राप्त होने वाले राशि जो कि लगभग 10,00,00,000/- रू. ( अक्षरी दस करोड़ रूपये ) थी जो कि नगद में प्राप्त हुई थी को कंपनी में जमा न कर उक्त रकम का गबन कर आपस में अवैध रूप से लाभ प्राप्त करने के लिए बाट लिया गया। जिससे की कंपनी को लगभग 20,00,00,000/- रू (अक्षरी बीस करोड़ रूपये ) का नुकसान हुआ। इसी प्रकार उपरोक्त व्यक्तियो द्वारा जहा मुझे एक ओर नियमित रूप से लाभांश दिये जाने का आश्वासन दिया जाता था। वही अन्य और उपरोक्त व्यक्तियो द्वारा कंपनी हिसाब किताब के दस्तवेजो में कूटरचना कर कंपनी के अंतिम खाते में जबरन नुकसान दिखाकर कंपनी को अनुमानित रूप से 40,00,00,000/- रू (अक्षरी चालीस करोड़ रूपये ) का नुकसान पहुचाया गया था। इस प्रकार अभिषेक अग्रवाल जो कि कंपनी के व्यवसाय का मुख्य रूप से संचालन करते थे के द्वारा बिना किसी अनुमोदन के कंपनी के राशियो को अपनी निजी मद में उपयोग किया जाकर कम्पनी की राशि का गबन कर कंपनी को गंभीर आर्थिक क्षति पहुचायी गई है उक्त संबंध में मुझे यह भी जानकारी मिली है कि अभिषेक अग्रवाल द्वारा कंपनी के राशि में किये गये गवन में कंपनी के संचालकगण दुलाल बैनर्जी, मयुर गोविंद भाई कनानी, सुधीर सरीन, संजय खन्ना सुनील सेठी राजेश कुमार मितल एवं कम्पनी के प्रबंधक अशोक अग्रवाल भी उक्त षड़यंत्र में पूर्ण रूप से सम्मिलित रहे।
इस प्रकार यह भी जानकारी प्राप्त हुई है कि उपरोक्त व्यक्तियों द्वारा आपसी सांठगांठ करते हुए विगत कई वर्षों से केबल व्यवसाय संचालन करने के संबंध में आवश्यक सामग्रियों को वास्तविक रूप में क्रय ना करते हुए फर्जी बिलों के माध्यम से इस स्काई विजन, स्काई ट्रैक, गुरुदेव इलेक्ट्रनिक एवं गुरुदेव ट्रेडर्स, नामक संस्थाओं से कंपनी में क्रय करना दिखाकर कंपनी की राशि को प्राप्त कर एवं उक्त राशि को आपस में बाट कर कंपनी की राशि का गंभीर हेरफेर किया गया, जिससे कि कंपनी को लगभग 50000000/- रु (अक्षरी पाच करोड़ रूपये) का आर्थिक नुकसान हुआ है जिसकी पुष्टि कपनी के अभिलेखों से की गई, उक्त अभिलेख वर्तमान में अभिषेक अग्रवाल के कब्जे में है। उक्त संबंध में स्काई विजन, स्काई ट्रैक, गुरुदेव इलेक्ट्रनिक एवं गुरुदेव ट्रेडर्स के संचालकगण भी कंपनी को उपरोक्त व्यक्तियों द्वारा फर्जी बिलो के माध्यम से कंपनी की रकम में की गई है हेराफेरी में पूर्ण रूप से संलिप्त है।
इसी प्रकार उपरोक्त व्यक्तियो द्वारा कंपनी के व्यवसाय से डायरेक्ट कनेक्शन से प्राप्त होने वाली राशि को विगत कई वर्षों से प्राप्त कर कंपनी में उक्त रकम को जमा ना कर एवं कंपनी के हिसाव किताब में हेराफेरी कर उक्त रकम को ना दर्शा कर कंपनी की उक्त राशि का स्वयं उपयोग कर गबन किया गया है। इसी प्रकार उपरोक्त व्यक्तियों द्वारा समय-समय पर लोकल केबल ऑपरेटर से प्राप्त होने वाली राशियों का कंपनी से रसीद जारी ना कर उक्त राशि को नियमो के विरुद्ध प्राप्त कर राशि का स्वयं उपयोग कर कंपनी को गंभीर आर्थिक क्षति पहुंचाई गई हैं। जिससे कि कंपनी को करोड़ो रूपये का नुकसान हुआ है । उक्त तथ्य की पुष्टि लोकल केबल ऑपरेटर से कथन लेकर भी की जा सकती है। इसी प्रकार अभिषेक अग्रवाल द्वारा जानकारी दिये बिना सेंट्रल बैंक की सिविल लाइन एवं शंकर नगर रायपुर छ.ग. शाखाओ में खाता खुलवाकर कंपनी की राशि को विगत कई समय से प्राप्त कर स्वयं उपयोग किया जा रहा है जिसमें उसके पिता अशोक अग्रवाल भी पूर्ण रूप से संलिप्त है। इस तरह उपरोक्त व्यक्तियों द्वारा कंपनी की राशि में गंभीर हेराफेरी कर कंपनी को गंभीर आर्थिक नुकसान पहुंचाया गया है। इस प्रकार उपरोक्त तथ्यों की जानकारी प्राप्त होने पर मैंने रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी एवं हैथवे प्रा0लि0 कंपनी जिसका मुख्य कार्यालय मुंबई में है में वर्ष 2019 में शिकायत की जिसके पश्चात अभिषेक अग्रवाल, दुलाल बनर्जी, मयूर गोविंद भाई कानानी, सुधीर सरीन, संजय खन्ना, सुनील सेटी, राजेश ‘कुमार : मितल एवं कंपनी के प्रबंधक अशोक अग्रवाल द्वारा मुझसे संपर्क कर मुझे यह आश्वासन दिया गया कि मैं उनके द्वारा की गई शिकायत प्रकरणों में अग्रिम कार्यवाही ना करूं। वे लोग मुझे शीघ्र ही मुझे प्राप्त होने वाली राशि अदा कर देगे एवं उनके द्वारा कंपनी को विभिन्न कूट रचित दस्तावेजों के माध्यम से की गई आर्थिक क्षति की राशि को भी कंपनी के खातों में वापस जमा करवाएंगे। जिस पर मैंने उपरोक्त व्यक्तियों की बातों पर विश्वास कर लिया किंतु आज दिनांक तक उपरोक्त व्यक्तियों द्वारा मुझे लाभांश राशि का भुगतान नहीं किया गया और उपरोक्त व्यक्तियों द्वारा कंपनी की राशियों में हेराफेरी कर किए गए नुकसान की राशि को कंपनी के खातों में जमा नहीं किया गया। वर्तमान में मेरे द्वारा उपरोक्तr व्यक्तियों से संपर्क करने पर उपरोक्त व्यक्तियों द्वारा मुझसे संपर्क करने में टाल मटोल किया जा रहा है। इस तरह हैथवे सी.सी.एन मल्टीनेट प्रा०लि० कंपनी के संचालकगण अभिषेक अग्रवाल, दुलाल बनर्जी, मयूर गोविंद भाई कानानी, सुधीर सरीन, सुधीर सरीन, संजय खन्ना, सुनील सेटी, राजेश कुमार मित्तल एवं कंपनी के प्रबंधक अशोक अग्रवाल एवं अन्य संलिप्त व्यक्तियों द्वारा पड्यत्र पूर्वक तरीके से कपनी की राशि को हड़पने के उद्देश्य से फर्जी दस्तावेजों की कूटरचना कर कंपनी को गंभीर आर्थिक क्षति पहुंचाकर धोखाधड़ी एवं अमानत में खयानत किये जाने का अपराधिक कृत्य किया गया है। मुझे इस बात की भी पूर्ण आशंका है कि चूकि कंपनी के समस्त दस्तावेज उपरोक्त व्यक्तियों के कब्जे में है। इस कारण उक्त व्यक्तियों द्वारा कंपनी के दस्तावेजों में किसी भी प्रकार का छेड़छाड़ की जा सकती है।