रायपुर। RAIPUR VIDEO : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के सेंट्रल जेल में इन दोनों रामायण, हनुमान चालीसा, और गीता के श्लोक गूंज रहे हैं। जेल में पहली बार बंदियों की रामायण मंडली का गठन किया गया है। इसमें 60 सदस्यीय सजायाफ्ता कैदी शामिल किए गए है। वह रोजाना रामायण के साथ ही हर मंगलवार को हनुमान चालीसा और शनिवार को सुंदरकांड का पाठ कर रहे है।
रायपुर सेंट्रल जेल में पहली बार दिल्ली के तिहाड़ और पुणे के यरवदा जेल की तर्ज पर रामायण मंडली का गठन किया गया है। इसमें 60 सदस्यीय सजायाफ्ता कैदी शामिल किए गए है। वह रोजाना रामायण के साथ ही हर मंगलवार को हनुमान चालीसा और शनिवार को सुंदरकांड का पाठ कर रहे है। यह सिलसिला पिछले महीनेभर से चल रहा है। इसके लिए रायपुर जेल प्रशासन की ओर से हारमोनियम, कैसियो, तबला ढोलक, मंजीरा तथा माइक उपलब्ध कराया गया है। इसके जरिए वह जेल के भीतर बनाए गए मंदिर के साथ ही बैरक और विभिन्न आयोजनों में नियमित रूप से पाठ कर रहे है। इससे धार्मिक और सामाजिक गतिविधियों में शामिल होने पर उनकी मनोदशा में सुधार आ रहा है।वहीं हिंसक प्रवृत्तियों से धीरे-धीरे दूर होते जा रहे है। पैरोल पर अपने घर जाने के दौरान स्थानीय गांव में होने आयोजनों में शामिल हो रहे है।
रायपुर जेल अधीक्षक अमित शांडिल्य ने बताया कि रामायण, हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करने से बंदियों एवं कैदियों के दैनिक जीवन के साथ आचरण में बदलाव आ रहा है।
रामायण मंडली में मुख्य गायक एवं आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदी बोधन ने बताया कि पेरोल पर रायगढ़ स्थित ग्राम दियागढ़ में घर जाने पर वह गांव की रामायण मंडली में शामिल होता है। इसी तरह कैदी गोविंद ने बताया कि वह पहले गांव में भजन मंडली से जुड़ा हुआ था अब जेल में आने के बाद फिर वैसा ही माहौल मिल रहा है, जिससे वह अध्यात्म की ओर मुड़ गया है। इसे अपनी दिनचर्या में शामिल कर अन्य बंदियों को भी प्रेरित करता है।
देखें वीडियो –