रायपुर। CG BIG NEWS : छत्तीसगढ़ में मंगलवार को बढ़ी हुई बिजली दर का विरोध हो रहा है. आधी रात से राज्य के 150 से 200 स्टील उद्योग बंद कर दिए गए हैं। उद्योग संघ की बैठक में यह निर्णय लिया गया है। इस बंद का असर प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से 5 लाख नौकरियां पर पड़ेगा। राज्य में पहले स्टील उद्योग को 6.10 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली मिलती थी, जो अब बढ़कर 7.21 यूनिट हो गई है। इस दर में अगर टैक्स को जोड़ दिया जाए तो यह 9 रुपये प्रति यूनिट तक पहुंच जाती है। स्टील उद्योग संघ का कहना है कि यह दर देश में सबसे ज्यादा है।
बढ़ी बिजली दर से प्रदेश की जनता तो प्रभावित हुई ही है, अब उद्योगपति भी इससे प्रभावित होने लगे हैं, बिजली दर में बढ़ोतरी से प्रदेश के 150 स्टील उद्योग सोमवार की आज रात 12 बजे से ही बंद हो गए हैं, जिसका सीधा असर लाखों कर्मचारी और सरकार के रेवेन्यू पर पढ़ रहा है, बढ़ी बिजली दर के विरोध और उद्योग बंद होने से बचाने के लिए कारोबारीयों ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को ज्ञापन सौपा, जिसपर पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार उद्योग बंद हुआ है, जिससे 4 घंटे में ही 600 मेगा वाट बिजली की डिमांड कम हो गई है, बिजली की दर पहले 6 रूपए 10 पैसे प्रति यूनिट था, जो 25% बड़कर 7 रूपए 62 पैसे में मिल रहा है, इस बढ़ी दर से कारोबारी अपना उद्योग नहीं चला पा रहें हैं और आज रात 12 बजे से 150 स्टील उद्योग बंद हो गए, जिसका सीधा सरकार के राजस्व और प्रत्यक्ष ,अप्रत्यक्ष रूप से कार्यरत लगभग 5 लाख कर्मचारियों पर पढ़ रहा है स्टील उद्योगों द्वारा स्टेट और नेशनल जीएसटी में कुल लगभग 9 हजार करोड़ और 5 हज़ार करोड़ रॉयल्टी के रूप में देते हैं। जिससे सरकार के राजस्व में बड़ा असर देखने को मिल सकता है, श्री बघेल ने कहा कि सरकार की मूर्खता पूर्ण फैसला की वजह से प्रदेश के इतिहास में पहली बार उद्योग बंद हो रहा है। कोरोना के समय में भी उद्योग बंद नहीं हुए थे।
सरकार और उद्योगपतियों के बीच के इस फैसले से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े लाखों कर्मचारीयों के जीवन पर पढ़ रहा है जिसमें 2 लाख कर्मचारी सीधे तौर पर और लाखों कर्मचारी ट्रांसपोर्ट, कंपनी की प्रचार प्रसार करने से प्रभावित हो रहें हैं, साथ ही उद्योग बंद होने की वजह से स्टॉक स्टील समान की दरों में भी बढ़ोतरी हो सकती है, जिसका सीधा असर आम नागरिकों पर पड़ेगा, सरकार को इस पर तत्काल निर्णय लेना चाहिए और उद्योगपतियों से बातचीत कर जल्द ही उद्योग चलाने समझौता करना चाहिए, जिससे प्रदेश की जनता होने वाली परेशानियों से बच सके।