हफीज़ खान, राजनांदगांव। Rajnandgaon News : अधूरा नला निमार्ण और नाले पर रसूखदारों के द्वारा किए गए अतिक्रमण की वजह से राजनांदगांव शहर के दो वार्डो में लोगों के घरों के भीतर भर रहे पानी को लेकर नगर निगम में कांग्रेस सत्ता के दो पार्षदों ने आज से अमरण अनशन की शुरुआत कर दी है।
शहर के वार्ड नंबर 41 झूलेलाल वार्ड के पार्षद राजेश गुप्ता और वार्ड नंबर 42 राजीव नगर के पार्षद ऋषि शास्त्री ने यहां से होकर गुजर रहे नाले के अधूरे निर्माण और नाले पर कुछ रसूखदार लोगों के द्वारा किए गए अतिक्रमण को मुक्त करने के लिए नगर निगम के समीप फ्लाईओवर के नीचे आज से आमरण अनशन की शुरुआत की है। अपने अनशन की शुरुआत करते हुए दोनों पार्षदों ने अपने वार्ड के लोगों के साथ रैली निकाली और नगर निगम कार्यालय पहुंचे लेकिन यहां पर पार्षदों को नगर निगम के भीतर जाने की अनुमति नहीं दी गई और दोनों पार्षदों को नगर निगम के गेट पर रोक दिया गया।
इसके बाद शहर के इमाम चौक पर दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर के सामने पंडाल लगाकर पार्षदों ने अपने अनशन का आगाज कर दिया है। अनशन पर बैठे पार्षद राजेश गुप्ता का कहना है कि अधूरे नाल निर्माण और नाले पर किए गए अतिक्रमण को नगर निगम के सदन के माध्यम से कई बार उठाया गया, लेकिन निगम के अधिकारियों द्वारा इस पर ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि जो नाला 32 फीट चौड़ा था आज वह अतिक्रमण के चलते 5 फिट रह गया है। वहीं पार्षद ऋषि शास्त्री ने कहा कि नगर निगम में उनकी सत्ता है लेकिन अधिकारी किसकी मिली भगत में इस पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं यह इस अनशन के माध्यम से हम उजागर करेंगे। वहीं उन्होंने कहा कि प्रशासन को जनता के सामने झुकना पड़ेगा।
शहर के राजीव नगर वार्ड और इंदिरा नगर क्षेत्र से होकर गुजरने वाले नाले के अधूरे निर्माण और नाले पर कुछ लोगों के द्वारा किए गए अतिक्रमण के चलते बारिश का पानी इस नाले से पूरी तरह नहीं निकल पा रहा है। सामान्य से अधिक बारिश होने पर नाले का पानी वार्ड के सैकड़ो घरों में घुस जाता है, तो वहीं जिला अस्पताल के भीतर भी घुटनों तक पानी भर जाता है। इस ओर कार्रवाई नहीं होने पर आज दोनों वार्ड के पार्षदों ने अपना अनशन शुरू कर दिया है। इस मामले में नगर निगम के कार्यपालन अभियंता का कहना है कि लोगों की समस्या वाजिब है, निगम प्रशासन इसके निराकरण का प्रयास कर रही है। इस मामले की जांच करने के बाद पता चलेगा कि अतिक्रमण है या नहीं।
1 मार्च 2018 को 30 करोड़ रुपए की लागत से इस नाले के चौड़ीकरण के लिए कार्यादेश जारी किया गया। इसके बाद 5 मई 2018 तक ठेकेदार को 93 लाख 78 हजार 400 रूपये का भुगतान कर दिया गया, लेकिन इसके बाद ठेकेदार ने नाले का निर्माण अधूरा छोड़कर काम बंद कर दिया, जबकि ठेकेदार को 1 वर्ष के भीतर 2019 तक इस नाले का पूर्ण निर्माण करना था। अब इस नाले के अधूरे निर्माण के चलते रसूखदार लोग इस पर अतिक्रमण करते हुए अपनी बिल्डिंगे तन चुके हैं। जिसकी वजह से इस क्षेत्र में जल भराव हो रहा है। वही लगातार शिकायत के बाद भी स्थानीय प्रशासन और नगर निगम द्वारा इस पर कोई भी कार्रवाई नहीं की जा रही। जिसके चलते पार्षदों को अब इस मामले में कार्रवाई के लिए अनशन करना पड़ रहा है।