संसद के मानसून सत्र का गुरुवार (1 अगस्त) को नौवा दिन है। आज से सत्र के खत्म होने तक सदन के दोनों सदनों में बिल पेश होंगे।
कल (31 जुलाई) को राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने उन पर लगाए गए परिवारवाद के आरोप का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा था कि कल मैं यहां लास्ट मूमेंट में नहीं था। उस समय माननीय सदस्य घनश्याम तिवाड़ी ने सदन में एक समस्या उठाई। उनके मन में क्या था, पता नहीं।खड़गे ने आगे कहा था कि राजनीति में ये मेरा पहला जनरेशन है। परिवार में कोई और नहीं था। पिता जी ने ही मुझे पाला-पोषा। मैं उनके आशीर्वाद से ही यहां तक पहुंचा। यह कहते हुए खड़गे ने अपने पिता के बारे में कहा कि वह 95 नहीं, 85 की उम्र में गुजरे।सभापति जगदीप धनखड़ ने उनसे कहा था कि मैं चाहता हूं कि आप 95 से भी आगे जाएं। इसी पर खड़गे ने भावुक होते हुए कहा कि मैं इस माहौल में ज्यादा जीना नहीं चाहता। इतना बोलते ही उनका गला भर आया था।