नई दिल्ली. बलबीर पेशे से ड्राइवर थे. एक होटल में गाड़ी चलाते थे. लेकिन कोरोना महामारी के दौरान नौकरी चली गई. लॉकडाउन भी लग गया. लेकिन बलबीर को पीएम नरेंद्र मोदी की एक बात याद रही कि आपदा में अवसर तलाशो. तो जैसे ही लॉकडाउन खुला बलबीर ने अपनी उसी स्कूटी को ढाबा बना दिया जिस पर वो नौकरी करने जाते थे. गुड़गांव की सड़कों पर बलबीर ने खाना बेचना शुरू कर दिया.
शुरुआत 20 लोगों के खाने से की. कुछ दिनों बाद ही 20 लोगों का खाना जल्द ही बिकने लगा. उसके बाद बलबीर ने खाने की मात्रा और बढ़ा दी. आज हालात यह हैं कि बलबीर का बनाया हुआ राजमा-चावल और छोले-कढ़ी देखते ही देखते खत्म हो जाते हैं.
बलबीर ने अपने बेरोजगार हुए दोस्त को भी दी नौकरी
बलबीर खुद तो इस काम मे जुटे ही हैं लेकिन जब उनका दोस्त भी बेरोजगार हुआ तो फ़िर इन्होंने हरविंदर नाम के अपने दोस्त को भी अपने साथ ढाबे पर ही रख लिया. अब दोनों रोज़ाना कड़ी-चावल, राजमा-चावल जैसे अलग-अलग आइटम बनाकर बेच रहे हैं और अच्छे से अपना घर चला रहे हैं. बलबीर ने अपने खाने का रेट 20 रुपये से लेकर 50 रुपये तक रखा है. उनका मकसद है कि इस रेट में हर जरूरतमंद उनके यहां खाना खा सके.
बलबीर बोले- अब वापस नहीं जाऊंगा नौकरी करने
बलबीर कहते हैं कि वाहे गुरु की मेहर से धंधा चल निकला है. अब अगर हालात सामान्य होने पर दोबारा नौकरी मिलती है तो भी वो अब नौकरी करने नहीं जाएंगे. अपने इसी धंधे को आगे बढ़ाएंगे. दूसरे जरूरतमंद लोगों को भी नौकरी देंगे. स्कूटी पर इस चलते फिरते ढाबे के चर्चे सोशल मीडिया पर भी हैं.