रायपुर। CG NEWS : राजधानी में प्रतिष्ठित कारोबारी व समाजसेवी का लबादा ओढ़े सुरेश गोयल इन दिनों कई अनैतिक कारोबार में लिप्त है, प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होने के बाद से ही उसके हौसले इतने बुलंद है कि वह अपना यह कारोबार पूरी निडरता से कर रहे हैं। न्यूज़ चैनल की आड़ में वह राजधानी ही नहीं प्रदेश के अनेक बड़े कारोबारियों को भी धमकाकर अपने अनैतिक कार्यों को अंजाम दे रहे हैं। इन दिनों उनका एक खाद्य प्रोडक्ट भी हिंदूओं की भावनाओं से खिलवाड़ करते हुए नियमों के विपरीत बेचा जा रहा है। दरअसल उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार समेत बीजेपी शासित तमाम राज्यों ने हलाल सर्टिफिकेट वाले प्रोडक्ट पर बैन लगा दिया है, लेकिन छत्तीसगढ़ में इसकी धड़ल्ले से बिक्री हो रही है। राज्य में बीजेपी की सरकार होने के बावजूद हलाल सर्टिफिकेट वाले प्रोडक्ट खुले आम परोसे जाने से बवाल खड़ा हो गया है। आम दुकानों से लेकर डिपार्टमेंटल स्टोर और शॉपिंग मॉल में कई ग्राहक इसकी खरीदी से दो चार हो रहे है। रोजाना उनके साथ ग्राहकों की तूतू – मै मै हो रही है। दुकानदारों से ग्राहक हलाल प्रोडक्ट की जानकारी बोर्ड में स्पष्ट जाहिर करने की मांग कर रहे है। उनकी शिकायतों पर अधिकारी कार्यवाही करने के बजाय हीला – हवाली कर रहे है। ऐसे में सवाल उठता है कि इस प्रदेश में अभी तक जरूरी कदम आखिर क्यों नहीं उठाये गए है।
बताया जाता है कि यूपीए शासन काल में मांस से लेकर पानी की बोतल तक की बिक्री के लिए देश की कई प्राइवेट एजेंसियों से सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य कर दिया गया था। जानकार बताते है कि ये एजेंसियां कई तरह के प्रोडक्ट पर अपनी मुहर लगाने की अनुमति देती हैं। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने हलाल सर्टिफिकेट वाले प्रोडक्ट पर बैन लगा दिया है। इस मामले में राजधानी लखनऊ में एक एफआईआर भी दर्ज हुई। FIR में कहा गया कि कुछ कंपनियां एक खास समुदाय में अपने प्रोडक्ट्स को बढ़ावा देने के लिए हलाल सर्टिफिकेट का इस्तेमाल कर रही हैं। इससे लोगों की भावनाएं आहत हो रही हैं।
FIR में जिन कंपनियों के नाम शामिल हैं, उनमें चेन्नई की हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, जमीयत उलेमा महाराष्ट्र मुंबई, हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया मुंबई, जमीयत उलेमा हिंद हलाल ट्रस्ट दिल्ली समेत और कुछ अज्ञात कंपनियां भी शामिल हैं. इसी कड़ी में रायपुर के महाराजा अग्रसेन के भक्त सुरेश गोयल एंड संस भी शामिल बताये जाते है।
बताया जाता है कि राज्य में हलाल प्रोडक्ट के मुख्य कर्ताधर्ता सुरेश गोयल ही हैं, जो कि इस कम्पनी के चेयरमैन कम एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर भी बताए जाते हैं।
पीड़ितों द्वारा बताया जा रहा है कि कई दुकानदारों ने हलाल प्रोडक्ट को रखने से भी इंकार कर दिया था, लेकिन उन्हें कानूनी दांव पेंच और संरक्षण का हवाला देकर ऐसी सामग्री को जनता के समक्ष बेहिचक परोसने की अनुमति दी गई है। उद्योगपति सुरेश गोयल अग्रवाल समाज की कई संस्थाओं और संगठनों के महत्त्वपूर्ण पदाधिकारी भी बताए जाते हैं।
न्यूज़ चैनल की आड़ में कर रहे ब्लैकमेलिंग
राजधानी के लालपुर में संचालित एक मल्टी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पीटल में भी वह जबरन कब्जा कर पदाधिकारी बने बैठे हैं। इस अस्पताल को भी उन्होंने वसूली का अड्डा बना रखा है, यहां कई केस आए हैं जब मरीज की मौत के बाद भी उनका शव मात्र इसलिए रोक दिया जाता है कि लाखों रूपये जमा करने के बाद भी उनके पास अंतिम बिल चुकाने के लिए पैसा नहीं होता है। इनका मुख्य काम सरकार में उच्च पदों पर बैठे मंत्री, विधायक, अधिकारियों को ब्लैकमेल कर उनसे अपना उल्टा सीधा काम कराना है। उद्योगपति सुरेश गोयल का सरिया का भी व्यवसाय है जिसमें वह अवैध आयरन ओर का प्रयोग कर अपने कारोबार में कई गुना अधिक मुनाफा कमाने में लगा है। बताया जाता है कि उनका पोता जो ड्रग्स का आदि है वह सट्टे में 5 करोड़ हार गया था जिसे चुकाने के लिए उसने बाजार से पैसा उधार लिया था जब यह बात सुरेष गोयल को पता चला तो वह उन व्यापारियों को उनके खिलाफ अपने चैनल में न्यूज़ चलाने की बात कहकर धमकी-चमकी पर उतारू हो गया था।
खबर रोकने की पैसों की डिमांड
प्रदेश की पूर्व भाजपा सरकार में एक कद्दावर मंत्री की फर्जी सैक्स सीडी बनाने में इस कारोबारी का नाम प्रमुखता से सामने आया था। बताया जाता है कि इस मामले में खबर रोकने के लिए सुरेश गोयल ने डॉ. रमनसिंह सरकार से 5 करोड़ की डिमांड की थी। इस मामले में एक आरोपी रिंकू खनूजा से फर्जी सीडी की सुपारी वसूली को लेकर एक ऑडियो टेप भी आया था जिसमें संदेही के रूप में सुरेश गोयल को नोटिस जारी होने के बाद भी वह पुलिस के सामने बयान देने उपस्थित नहीं हुए थे। बाद में सरकार बदलने के बाद इस कथित समाजसेवी कारोबारी ने तत्कालीन सीएम भूपेश बघेल से चर्चा कर इस मामले को ठंडे बस्ते में डलवा दिया था। पूर्व भाजपा सरकार में इस कारोबारी ने तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को भी धान की फर्जी लेव्ही के मामले में ब्लैकमेल करते हुए करोड़ो रूपये की डिमांड की थी। सुरेश गोयल के अनैतिक धंधों में उनका भाई नरेंद्र गोयल, राजेंद्र गोयल, पुत्र संदीप गोयल और दिनेश गोयल भी बराबर सहयोग कर उनके व्यापार को आगे बढ़ा रहे है।
हिंदूओं की भावना से कर रहा खिलवाड़
इसके साथ ही सुरेश गोयल यूपी सरकार में बैन किया गया हलाला प्रोडक्ट छत्तीसगढ़ में धड़ल्ले से बेचकर हिंदूओं की भावनाओं से भी खिलवाड़ कर रहे हैं, उनके स्वामित्व वाली कंपनी के उत्पाद हलाला पराठा, स्प्रिंग रोल समेत कई पदार्थ यहां बेचे जा रहे हैं। प्रदेश में भाजपा सरकार होने के बाद भी छोटी दुकानों से लेकर बड़े डिपार्टमेंटल स्टोर में इनका हलाल प्रोडक्ट जबरिया बिकवाया जा रहा है। ग्राहकों द्वारा शिकायत करने के बाद भी विभागीय अधिकारी इन पर कार्रवाई की हिम्मत इसलिए नहीं जुटा पा रहे हैं क्योंकि सुरेश गोयल स्वयं को सीएम का करीबी बताते हुए कार्रवाई करने की स्थिती में अधिकारी को अंजाम भुगतने की चेतावनी देते हैं। अपने राजनैतिक पहुंच और न्यूज़ चैनल की आड़ में ये सफेद पोश कथित समाजसेवी अनेक प्रकार के अनैतिक कारोबार करते हुए उद्योगपतियों की दुनिया में एकछत्र साम्राज्य स्थापित कर अपनी हुकुमत जमाना चाहता है।