अमेजन ने किशोर बियानी के फ्यूचर ग्रुप को भारी कर्ज की दिक्कत से उबारने के लिए बड़े संस्थागत निवेशकों और नए रणनीतिक साझेदारों से निवेश दिलाने की बात कही है। जानकारों का कहना है कि अमेजन, आरआईएल और फ्यूचर ग्रुप के बीच हुए इस डील चिंतित है। क्योंकि इससे भारत में कंपनी को कड़ी टक्कर मिल सकती है।आरआईएल और अमेजन के बीच जारी विवाद में नया मोड़ आ गया है। अब अमेजन ने फ्यूचर ग्रुप से कहा कि अगर वो, रिलायंस के साथ डील खत्म करती है तो कंपनी उसे मजबूत वित्तीय साझेदार या निवेशक से निवेश दिलाने में मदद करेगी। इससे पहले अमेजन ने फ्यूचर ग्रुप के प्रमोटर्स के खिलाफ सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (SIAC) में लीगल केस किया था। इसका फैसला अगले हफ्ते तक आ सकता है।
अमेजन की नजर फ्यूचर ग्रुप के कारोबार पर
अमेजन की नजर फ्यूचर ग्रुप के बिग बाजार, एफबीबी और अन्य के लोकल आउटलेट पर है। क्योंकि इसके जरिए अमेजन लोकल मर्चेंडाइज प्रोडक्ट्स को कम भाव में बड़े स्तर पर खरीदारों के घर तक एक दिन में ही पहुंच सकता है। अब ऐसी स्थिति में अगर फ्यूचर ग्रुप और आरआईएल के बीच डील पूरी हो जाती है, तो अमेजन और फ्यूचर कूपन के बीच जो साझेदारी है, उसका कोई मतलब नहीं होगा।
2019 में रिटेल बिजनेस में एफडीआई के नियमों के चलते अमेजन, फ्यूचर ग्रुप में बड़ी हिस्सेदारी खरीदने से चूक गया था। इसलिए कंपनी ने ग्रुप की अन्य कंपनी FCPL में 49% हिस्सेदारी के लिए 1,430 करोड़ रुपए का भुगतान किया था, जिससे अमेजन को फ्यूचर रिटेल में बड़ी हिस्सेदारी नहीं मिल पाई थी।
अमेजन और फ्यूचर ग्रुप के बीच विवाद
इसी साल अगस्त में फ्यूचर ग्रुप ने आरआईएल को रिटेल, होलसेल, लॉजिस्टिक और वेयर हाउस बिजनेस को बेच दिया था। इस पर अमेजन ने आपत्ति जताते हुए फ्यूचर ग्रुप के प्रमोटर्स के खिलाफ सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (SIAC) लीगल केस कर दिया। इस पर 16 अक्टूबर को सुनवाई हुई थी। जिस पर फैसला इसी महीने की 26 तारीख को आ सकता है।