जय माता दी, जय गोबिंद देव जी, बालाजी महाराज की जय, आदि नाम आशीर्वाद लेने के लिए आम अभिवादन या मंत्र की तरह लग सकते हैं, लेकिन राजस्थान के कुछ सटोरियों ने व्हाट्सएप समूहों और कोड को संदर्भित करने के लिए ऐसे नामों का बेहद चतुराई से इस्तेमाल किया। जयपुर में धार्मिक नाम पर सट्टेबाजी के एक बड़े रैकेट का खुलासा हुआ है। बुधवार और गुरुवार की रात को जयपुर पुलिस की एक विशेष टीम द्वारा छापेमारी में इसका भंडाफोड़ किया गया। सट्टेबाजी में अब तक की सबसे बड़ी रकम 4 करोड़ 18 लाख की नगदी जब्त की गई है।
जयपुर शहर के पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने कहा, जयपुर पुलिस की स्पेशल टीम (सीएसटी) सट्टेबाजी में शामिल संगठित गिरोह पर नजर बनाए हुई थी। पिछले दो हफ्तों में सीएसटी और स्थानीय पुलिस द्वारा दो छापे मारे गए, जिसमें करोड़ों रुपये का लेनदेन विवरण प्राप्त किया गया। पिछले दो ऑपरेशनों में प्राप्त और जानकारियों के बाद सीएसटी टीम के सदस्यों को पता चला कि सट्टेबाज एक अंतरराष्ट्रीय सट्टेबाजी रैकेट का हिस्सा हैं।
दरअसल, आजकल आईपीएल के शुरू होने के बाद खेलों का सिलसिला शुरू हो गया है। सीएसटी और स्थानीय पुलिस ने कोतवाली थाना क्षेत्र में एक आवासीय परिसर में छापा मारा और गुजरात के राजकोट जिले के मूल निवासी रणधीर सिंह (45) और अजमेर के कृपाल सिंह जोधा उर्फ अंकित जोधा (41) को गिरफ्तार किया। आरोपियों के कब्जे से 4 करोड़ 18 लाख से अधिक नगदी, पैसे गिनने की दो मशीन, 9 मोबाइल फोन और एक कैलकुलेटर बरामद किया गया। उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर अजय पाल लांबा ने कहा, जांच के दौरान यह पाया गया कि लेन-देन के रिकॉर्ड को बनाए रखने के लिए इन सटोरियों द्वारा बनाए गए व्हाट्सएप समूहों और सोशल मीडिया समूहों को धार्मिक नाम दिए गए थे। किसी भी संदेह से बचने के लिए इन नामों का भी इस्तेमाल किया जा रहा था। ये आरोपी बहुत ही गुपचुप तरीके से अपने समूह का संचालन कर रहे थे।
पुलिस की जांच में पता चला है कि सट्टेबाजी का मास्टरमाइंड राकेश राजकोट दुबई में बैठकर पूरे देश में सट्टेबाजी का रैकेट चला रहा है। इसने अपना एक ग्रुप बना रखा है, जिसमें आईडी पासवर्ड के जरिए सट्टा लगता है।