आज भारत बंद है. एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमीलेयर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ आज यानी 21 अगस्त को भारत बंद का ऐलान है. देशभर के दलित और आदिवासी संगठन हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सुरक्षा की मांग को लेकर आज 21 अगस्त को ‘भारत बंद’ करेंगे. ‘नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ दलित एंड आदिवासी ऑर्गेनाइजेशन्स’ (एनएसीडीएओआर) ने मांगों की एक सूची जारी की है,
read more : Ayushman Bharat Scheme : राष्ट्रपति ने किया बड़ा ऐलान, अब 70 साल से ऊपर वाले बुजुर्गों का होगा फ्री इलाज
संगठन ने हाल में सुप्रीम कोर्ट की सात न्यायाधीशों की पीठ द्वारा सुनाए गए फैसले के प्रति विपरीत दृष्टिकोण अपनाया है, जो उनके अनुसार, ऐतिहासिक इंदिरा साहनी मामले में नौ न्यायाधीशों की पीठ द्वारा लिए गए फैसले को कमजोर करता है, जिसने भारत में आरक्षण की रूपरेखा स्थापित की थी. एनएसीडीएओआर ने सरकार से अनुरोध किया है कि इस फैसले को खारिज किया जाए क्योंकि यह अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के संवैधानिक अधिकारों के लिए खतरा है.
क्या है मांग
संगठन एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण पर संसद द्वारा एक नये कानून को पारित करने की भी मांग कर रहा है, जिसे संविधान की नौवीं सूची में समावेश के साथ संरक्षित किया जाए. साथ ही इनकी मांग है कि सुप्रीम कोर्ट कोटे में कोटा वाले फैसले को वापस ले या फिर पुनर्विचार करे.
कौन-कौन भारत बंद में है शामिल
इस भारत बंद को कम से कम तीन राजनीतिक दलों का समर्थन मिला है. मायावती की बसपा (BSP), हेमंत सोरेन की जेएमएम (JMM) और लालू प्रसाद याद की पार्टी राजद (RJD) इस बंद के समर्थन में है. साथ ही भीम आर्मी ने भी इसका समर्थन किया है.
कहां-कहां दिखेगा असर
वैसे तो भारत बंद देशव्यापी है. मगर सबसे अधिक राजस्थान, केरल, उत्तर प्रदेश और बिहार प्रभावित हो सकते हैं. इन राज्यों में विपक्षी पार्टियों का पूरा समर्थन मिलेगा. भारत बंद को देखते हुए राजस्थान के कुछ जिलों मसलन जयपुर, दौसा, भरतपुर, डीग और गंगापुर में स्कूलों की छुट्टी है.
क्या बंद रहेगा और क्या खुलेगा?
भारत बंद में क्या खुला रहेगा और क्या बंद रहेगा, इसे लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है. हालांकि, भारत बंद को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि कुछ जगहों पर सार्वजनिक परिवहन प्रभावित हो सकता है. आपातकालीन सेवाएं जैसे कि अस्पताल, एम्बुलेंस और चिकित्सा सुविधाएं चालू रहेंगी. बैंकों और सरकारी दफ्तरों को बंद करने को लेकर सरकारों की ओर से कोई घोषणा नहीं की गई है. इसका मतलब है कि ये भी खुले रहेंगे. शिक्षण संस्थान भी खुले रहेंगे.