GRAND NEWS EXCLUSIVE : भानुप्रतापपुर। प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों से पैसे काफी लिए जाते हैं, ताकि मरीजों का इलाज अच्छे से हो। साथ ही अस्पताल परिसर में किसी भी मरीज या उनके परिजन को परेशानी ना हो, परंतु भानुप्रतापपुर के गौतम अस्पताल की कहानी कुछ अलग ही है, कांकेर जिले के जब प्राईवेट अस्पतालों की बात आती है, तो उसमें सबसे पहले गौतम हॉस्पिटल का नाम आता है। जो भानुप्रतापपुर में स्थित है, जो सालो से अंदरूनी इलाके में अच्छी सेवा देते आए है , जिसको देखते हुए इस अस्पताल को कई तरह के बड़े सम्मान भी मिले हैं। कभी मुख्यमंत्री से, तो कभी स्वास्थ्य मंत्री से… पर अब इस अस्पताल का इतना बुरा हाल क्यो है…?
जब ग्रैंड न्यूज़ की टीम भानुप्रतापपुर के गौतम हॉस्पिटल में पहुंची, तो वहां कई प्रकार की खामियां नजर आई, मरीज वार्ड रूम में एक भी डस्टबिन नही है,अस्पताल के बॉथरूम में हैंड वॉश नही है, किसी में बाल्टी और मग्गा भी नहीं है, नल से पानी भी बह रहा था, जिससे पानी की भी काफी बर्बादी हो रही थी, बाथरूम में भी काफी गंदगी थी, कई जगह बिजली की तारे खुली हुई, लटक रही है। जिससे कभी भी कोई बड़ा हादसा होने का डर बना रहता है, बाथरूम में लाइट नहीं जलती, लाइट तो लगी है पर उसकी तारे खुले में लटक रही है और बिजली और पानी की कहानी तो नेवले और सांप की तरह होती है, जो कभी भी किसी बड़े हादसे को जन्म दे सकती है। इससे मरीज और परिजन दोनो पर खतरा बना रहता है। साथ ही साथ मरीजों को पीने के लिए पानी भी अस्पताल के अंदर नहीं उपलब्ध हो पाता, अस्पताल के बाहर ही वाटर कूलर लगाया गया है, वहीं से मरीज पानी पीते हैं। जानकारी के अनुसार गौतम हॉस्पिटल के संचालक डॉक्टर अनिल गौतम है, जिन्होंने 2006 में इस अस्पताल की न्यू रखी थी और आज देखते ही देखते उन्होंने भानुप्रतापपुर समेत पखांजूर डोंडी मानपुर के साथ – साथ कई जगहों पर अस्पताल है। साथ ही उनका एक गौतम नर्सिंग कॉलेज भी है, जानकारी के अनुसार इसी वजह से अब डॉक्टर साहब भानुप्रतापपुर के अस्पताल में समय नहीं दे पा रहे हैं और भानुप्रतापपुर अस्पताल की जिम्मेदारी उनकी पत्नी डॉ. डॉली गौतम को दे दिए है और शायद इसी वजह से गौतम हॉस्पिटल का हाल नाम बड़े दर्शन छोटे जैसा हो गया है।