Ganesh Chaturthi 2024: गणेश चतुर्थी गणपति बप्पा के जन्मोत्सव के रूप में देश भर में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि गणेशजी बुद्धि और ज्ञान के देवता हैं। सच्चे मन और श्रृद्धा से उनकी पूजा करने पर वह शीघ्र ही प्रसन्न हो जाते हैं। लेकिन इसके साथ ही यह भी कहा जाता है कि यदि गणेशजी की पूजा में हम कुछ गलतियां कर देते हैं तो न ही हमारी पूजा स्वीकार होती है और न ही हमें हमें उस पूजा का फल मिलता है। तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि गणपतिजी की पूजा में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और किन गलतियों को करने से बचना चाहिए।
भूलकर भी न चढ़ाएं तुलसी का पत्ता
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव के साथ ही उनके पुत्र गणेशजी की पूजा में भी तुलसी का प्रयोग नहीं किया जाता है। मान्यता है कि भगवान गणेश ने तुलसी को शाप दिया था कि उनकी पूजा में तुलसी का प्रयोग नहीं किया जाएगा। इसलिए ध्यान रखें कि गणेशजी की पूजा में तुलसी का प्रयोग भूलकर भी न करें। भगवान की पूजा में दूर्वा का प्रयोग करना अच्छा माना जाता है।
चंद्रमा से जुड़ी वस्तुएं वर्जित
गणेशजी और चंद्र देव के संबंध अच्छे नहीं माने जाते। कहते हैं कि एक बार चंद्रमा ने गणेशजी के गज स्वरूप का उपहास किया था, इस वजह से गणेशजी ने चंद्रमा का शाप को दिया था कि उनका सौंदर्य खत्म हो जाएगा, इसलिए गणेशजी की पूजा में भी कोई भी सफेद वस्तु नहीं चढ़ाई जाती। सफेद चंदन के स्थान पर पीले चंदन, सफेद वस्त्र के स्थान पर पीले वस्त्र और पीले जनेऊ का प्रयोग करें। इसलिए हर चतुर्थी तिथि को चंद्र दर्शन करने के लिए भी शास्त्रों में मना किया गया है।
पूजा में ऐसे चावल का प्रयोग न करें
चावल को अक्षत भी कहते हैं और इसका अर्थ है कि जिसका क्षय न हुआ हो, यानी कि वह अक्षत हो। गणेशजी की पूजा में भूलकर भी टूटे हुए चावल न चढ़ाएं। बल्कि इसके स्थान पर साबुत चावलों का प्रयोग करें, जो कि कहीं से भी टूटे न हों। इसके साथ ही यह भी माना जाता है कि गणेश पूजन में गीले चावलों का प्रयोग किया जाता है।
केतकी के फूल
भगवान शिव की तरह ही भगवान गणेशजी की पूजा में भी केतकी के फूल का प्रयोग करना मना है। शिवजी ने केतकी के फूल को शाप दिया था। इसलिए इनके पुत्र गणेशजी को भी यह फूल नहीं चढ़ाए जाते हैं।