डॉ. रमन सिंह जी, जोहार
सर मैंने आपको बयान देते हुए सुना ,आप कह रहे थे कि केंद्र के बनाए कानून से छेड़छाड़ करने का अधिकार राज्य को नहीं है। मैं सोंच में पड़ गया! आप 15 साल छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रह चुके, फिर इतनी गलत बात कैसे कह रहे हैं?
सर क्या आप वाकई नहीं जानते हैं कि राज्य और केंद्र अपनी विषय सूची पर ही कानून बना सकते हैं और कृषि राज्य सूची का विषय है।जो संविधान की 7वीं अनुसूची में राज्य सूची के 14 वें बिंदु पर स्पष्ट लिखा हुआ है। सर कृषि समवर्ती सूची का विषय भी नहीं है। जिसमें केंद्र और राज्य दोनों को कानून बनाने का अधिकार होता है।
सर क्या आप वाकई नहीं देख पा रहे हैं कि राज्य नहीं बल्कि केंद्र में बैठी मोदी सरकार राज्यों के अधिकार क्षेत्र में दखल दे रही है। सर मोदी सरकार ने कृषि कानून को व्यापार वाणिज्य के बिल के साथ जोड़कर असंवैधानिक तरीके से पास करा दिया है। जिस पर आप और Bjp Chhattisgarh दोनों खामोश बैठे हुए हैं।
मैं यह समझता हूं सर कि बीजेपी के अंदर रहते हुए नरेंद्र मोदी जी को उनकी गलती बता विरोध कर पाना संभव नहीं है। लेकिन आप छत्तीसगढ़ महतारी के बेटे बेटियों के साथ तो खड़े रह ही सकते थे सर । पर आप भी मोदी जी तरह छत्तीसगढ़ में किसानों का साथ छोड़कर ट्रेडर्स और पूंजीपतियों के साथ खड़े दिख रहे हैं। यह बहोत दुःखद है सर ।
सर क्या आप वाकई नहीं समझ रहे हैं कि कृषि बिल के लागू होने से मंडी व्यवस्था धीरे धीरे खत्म हो जाएगी। MSP महत्वहीन बन जाएगी । किसान पूंजीपतियों के बंधुआ होकर रह जायेगा। खेती करने वाले किसान मजदूर बन जाएंगे। आने वाले दशक में देश और छत्तीसगढ़ के किसान बर्बाद हो जाएंगे। फिर राज्यों से बिहार की तरह पलायन बढ़ेगा । फिर आपको इसकी चिंता क्यों नहीं है सर?
यह समय छत्तीसगढ़ के माटी पुत्रों के साथ खड़े होने का है सर। किसानों की भलाई के लिए जो काम मान. मुख्यमंत्री भूपेश कर रहे हैं यदि आप उसकी प्रशंसा न भी कर सकें तो कोई बात नहीं। मुझे आपसे बस इतना कहना है कि कम से कम राजनीति के लिए छत्तीसगढ़ महतारी के किसान, खेतिहर मजदूर बेटे बेटियों का विरोध मत कीजिए सर