आम आदमी पार्टी ने एक बयान में कहा, “आतिशी 21 सितंबर को दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगी, उनके साथ अन्य मंत्री भी शपथ लेंगे. दिल्ली सरकार के नए मंत्रिमंडल में मुकेश अहलावत मंत्री पद की शपथ लेंगे. गोपाल राय , सौरभ भारद्वाज, कैलाश गहलोत और इमरान हुसैन फिर से दिल्ली के मंत्री पद की शपथ लेंगे.”
मुकेश अहलावत को क्यों बनाया गया मंत्री?
निवर्तमान मंत्रिमंडल में कैलाश गहलोत, गोपाल राय, सौरभ भारद्वाज और इमरान हुसैन शामिल हैं. निर्वतमान केजरीवाल कैबिनेट में कोई भी दलित मंत्री नहीं था. ऐसा इसलिए क्योंकि राजेंद्र पाल गौतम ने एक बयान को लेकर विवाद में आने के बाद पद से इस्तीफा दे दिया था.
उनके स्थान पर राज कुमार आनंद को मंत्री बनाया गया, लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने मंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया. उसके बाद से अरविंद केजरीवाल सरकार में दलित समुदाय से कोई मंत्री नहीं था. दलित चेहरे के तौर पर विशेष रवि और कुलदीप कुमार का भी नाम आया था, लेकिन रेस में अहलावत आगे निकल गए.
43 वर्षीय आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला CM होंगी. इससे पहले सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित दिल्ली की CM रह चुकी हैं. आतिशी मनीष सिसोदिया के शिक्षा मंत्री रहते हुए उनकी सलाहकार के रूप में काम कर चुकी हैं. उन्होंने दिल्ली के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की स्थिति को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.