बेमेतरा। CG: ग्राम चमारी, बेमेतरा के निवासी लोकेश साहू का और उनके माता-पिता का वर्षों से सपना था कि उनका अपना एक घर हो, जिसमें वे अपने परिवार के साथ सुरक्षित और सुकून भरा जीवन बिता सकें। आर्थिक कठिनाइयों और सीमित आय के कारण यह सपना दूर की बात लग रहा था। परंतु प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) ने उनके इस सपने को हकीकत में बदलने का अवसर प्रदान किया। यह योजना उनके लिए किसी वरदान से कम साबित नहीं हुई, जिसने उनके परिवार की जीवनशैली में अभूतपूर्व बदलाव लाए।माता कौशल्या के नाम से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान स्वीकृत हुआ। अचानक उनका देहांत हो जाने से सरकार की और से नॉमिनीत उनके बेटे लोकेश साहू के नाम से मकान स्वीकृत किया गया।
लोकेश साहू बताते है उनका परिवार एक साधारण परिवार था। उनकी आय का मुख्य स्रोत मकान, निर्माण की छत सेंट्रिंग आदि का काम करते थे, जो कभी-कभी मौसम और अन्य कारणों से अनिश्चित हो जाती थी। परिवार के पास अपनी जीविका चलाने के लिए पर्याप्त संसाधन तो थे, लेकिन अपने खुद के घर के निर्माण के लिए पैसे जोड़ पाना मुश्किल था। उन्होंने 10 वीं तक पढ़ाई की है। पहले वे मिट्टी के पुराने घर में रह रहे थे, जो समय के साथ कमजोर हो गया था। बरसात के दिनों में घर में पानी टपकना, दीवारों का टूटना जैसी समस्याएं आम हो गई थीं। इस स्थिति में रहना उनके परिवार के लिए असुरक्षित और कष्ट दायक था। साल 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री आवास योजना ने लोकेश साहू जैसे लाखों लोगों को अपने घर का सपना पूरा करने का एक सुनहरा अवसर दिया। इस योजना के तहत, उन परिवारों को सहायता प्रदान की जाती है जो आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं और जिनके पास अपना घर नहीं होता। लोकेश की माता ने भी इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किया। उनके आवेदन की जांच के बाद, उन्हें योजना के तहत घर बनाने के लिए वित्तीय सहायता दी गई।