रायपुर। खैरागढ़ रियासत और विधानसभा से विधायक देवव्रत सिंह ने यह कहते हुए प्रदेश की राजनीति में भूचाल ला दिया है कि अब ’’चूंकि पूर्व मुख्यमंत्री और जनता कांग्रेस के संस्थापक अजीत जोगी नहीं रहे, तो पार्टी संचालित हो भी पाएगी, इसकी संभावना नहीं है।’’ इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस में पुनः शामिल होने की अपनी इच्छा को जाहिर कर दिया है।
मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने दो दिनों पहले दावा किया था कि जनता कांग्रेस के तीन विधायक कांग्रेस में शामिल होने के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्होंने नामों का खुलासा नहीं किया था, जिस पर जनता कांग्रेस के विधायक धर्मजीत सिंह बिफर पड़े थे।
विधायक देवव्रत सिंह के इकरारनामे के साथ यह स्पष्ट हो गया है कि मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने जिन तीन नामों का जिक्र किए बगैर जो दावा किया था, वास्तव में वह पुख्ता था। इसकी शत-प्रतिशत पुष्टि स्वयं देवव्रत सिंह ने कर दी है।
देवव्रत सिंह का कहना है कि वे पूर्व मुख्यमंत्री जोगी से प्रभावित थे, जिसकी वजह से उन्होंने उनका साथ निभाया, लेकिन अब पार्टी का ही अस्तित्व खतरे में हैं। उन्होंने दो टूक कह दिया है कि पार्टी आगे चलेगी भी, इस पर संशय की स्थिति बन गई है। देवव्रत ने कहा कि उनका भविष्य सिर्फ कांग्रेस में है। लिहाजा पार्टी मौका देती है, तो उन्हें सोचने की जरूरत नहीं है।