सुनने और देखने में अजीब तो लगता है लेकिन ये सच है। एक मुर्गे के हाथों या यूं कहे पैरों एक पुलिस अधिकारी की मौत हो गई। मौत भी ऐसी दर्दनाक कि अधिकारी को बचने का कोई मौका नहीं मिला। दरअसल फिलीपींस के मनीला में मुर्गों की अवैध लड़ाई बेहद प्रसिद्ध है। लेकिन सरकार ने इसे बैन कर रखा है। इस खेल को मनीला की लोकल लैंग्वेज में तुपादा कहते हैं। यानी दो पैरों का खतरनाक युद्ध। भारतीय मुर्गा लड़ाई की ही तरह यहां भी मुर्गों के पैरों में तेज और धारदार ब्लेड बांधे जाते हैं।
कैसे हुई घटना?
जब पुलिस अधिकारी लेफ्टिनेंट क्रिस्टिचन बोलोक को इस बारे में पता चला तो उन्होंने मौके पर छापामार कार्रवाई करने का मन बनाया। टीम बनाकर वो उस जगह पर पहुंच गए जहां एक तुपादा का खेल चल रहा था। उन्होंने मौके पर पहुंचकर वहां मौजूद लोगों को हिरासत में लिया। लेकिन जब वो मुर्गों को अपने कब्जे में लेने के लिए आगे बढ़े। ब्लेडधारी मुर्गे का तेज ब्लेड उनकी पैर की नसों में जा धंसी। धमनी कटने से वहां तेज रफ्तार से खून निकलने लगा। इससे पहले बोलोक कुछ समझ पाते ब्लेड और मुर्गा दोनों ही उनके पैरों में फंस चुके थे। मुर्गा खुद को छुड़ाने की कोशिश कर रहा था और ब्लेड बोलोक के पैर को चीर रहा था। आखिरकार ज्यादा अंदर तक ब्लेड घुसने और खून बहने से बोलोक ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।
मैंने ऐसा कभी नहीं देखा
उत्तरी समर प्रांत के पुलिस प्रमुख कर्नल अर्नेल अपुड ने इस घटना को दुर्भायपूर्ण करार देते हुए कहा कि ‘अपने 25 सालों के कार्यकाल में मैंने कभी इस वजह से किसी को मरते नहीं देखा’. उन्होंने बताया कि मुर्गे के पैर में लगा ब्लेड बोलोक की बाईं जांघ की धमनी में फंस गया और उसको काटते हुए निकल गया. गंभीर रूप से घायल बोलोक के अस्पताल भी पहुंचाया गया, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी.