BIG NEWS : भोपाल। जिला प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए भोपाल के सभी स्कूल संचालकों को निर्देश दिया है कि वे छात्रों और उनके अभिभावकों पर यूनिफॉर्म और किताबें किसी खास दुकान से खरीदने का दबाव न डालें। शिक्षा विभाग ने इस संबंध में सख्त चेतावनी जारी की है कि अगर कोई स्कूल संचालक इस प्रकार की मोनोपॉली (एकाधिकार) बनाता है, तो उनके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाएगी और स्कूल की मान्यता रद्द की जा सकती है।
जिला प्रशासन के निर्देशों के अनुसार, अगर किसी स्कूल द्वारा किसी विशेष दुकान से यूनिफॉर्म और बुक्स खरीदने का दबाव डाला जाता है, तो संबंधित स्कूल संचालक, प्राचार्य और अन्य जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की जाएगी।
लोक शिक्षण संचालनालय ने बताया है कि यह कदम अभिभावकों पर से वित्तीय बोझ कम करने और शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है। न्यू एकैडमिक सेशन से पहले ही इस आदेश को लागू करने के निर्देश दिए गए हैं और लोक शिक्षण संचालनालय स्थिति पर कड़ी नजर रखेगा।
शिक्षा विभाग का सख्त रुख
शिक्षा विभाग ने इस संबंध में स्पष्ट किया है कि किसी भी स्कूल द्वारा ऐसे अनुचित व्यावसायिक गतिविधियों में लिप्त पाए जाने पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। विभाग का उद्देश्य छात्रों और उनके परिवारों को किसी प्रकार की वित्तीय बाध्यता से मुक्त रखना है।
इस फैसले से जहां अभिभावकों को राहत मिलने की उम्मीद है, वहीं यह स्कूलों के लिए एक कड़ा संदेश भी है कि वे शिक्षा के नाम पर किसी प्रकार की व्यावसायिक मोनोपॉली न बनाएं।