गरियाबंद । अहंकार, अनाचार, अत्याचार और बुराई का प्रतीक रावण शनिवार को मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के अग्निबाण चलाते ही धू-धू कर जल गया। बुराई पर अच्छाई की जीत, अनाचार पर सदाचार की विजय और असत्य पर सत्य की जीत हुई । शहर की 100 वर्ष पुरानी ऐतिहासिक रावणभाटा में शनिवार को मेघनाद, कुंभकर्ण और रावण वध का मंचन किया गया। रावण का वध होते ही पूरा मेला मैदान भगवान राम के जयकारों से गूंज उठा। शनिवार को नगर और ग्रामीण क्षेत्र में विजय दशमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
गरियाबंद के निकट रावणभाटा दशहरा मेला स्थल पर भगवान श्रीराम के द्वारा रावण का वध करते ही रावण का पुतला धू-धूकर जल उठा। श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीराम के जयकारे लगाए। शनिवार को दशहरा का पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया। वही गरियाबंद के रावणभाटा पर रावण दहन का आयोजन किया गया। यहां श्रीराम और रावण की सेना का भीषण युद्ध हुआ। प्रख्यात रामलीला कलाकारों ने अपनी अभिनय प्रतिभा से दर्शकों का मन मोह लिया।रामलीला कलाकारों ने मेघनाद, कुंभकर्ण वध के बाद रावणवध की लीला का कलाकारों ने सजीव मंचन किया। कलाकारों ने दिखाया कि रावण भगवान राम से मायावी युद्ध करता है। मेघनाद कुंभकर्ण सहित धीरे धीरे सभी राक्षस राम के हाथों मारे जाते है अंत में श्री राम द्वारा रावण का वध कर दिया जाता है। इस तरह रावण का पुतला धू-धूकर जल उठता है। जिसे देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ एकत्रित हुए
असत्य पर सत्य की हुई जीत
रावण दहन को सकुशल संपन्न कराने के लिए नगर पालिका अध्यक्ष गफ्फू मेमन द्वारा पूरी व्यवस्था की गई थी नपा अध्यक्ष गफ्फू मेमन ने बतलाया पिछले एक हपते से पालिका की पूरी टीम रावण दहन के आयोजन को सफल बनाने में लगी हुई थी विशेष कर भक्तिमय आर्केस्ट्र का कार्यक्रम रखा गया यहा जिसे नगरवासियों ने आंदन उठाया साथ ही भारी संया में पुलिस बल तैनात रहा।