नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में नेताओं का एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। वार पलटवार के बीच नेता अक्सर मर्यादा की सीमा रेखा तोड़ दे रहे हैं। वहीं विवादित बयानों को लेकर निर्वाचन आयोग भी सख्त हो गया है। निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एवं दिग्गज कांग्रेस नेता कमल नाथ पर सख्त कार्रवाई की। आयोग ने कमल नाथ के स्टार कैंपेनर का दर्जा रद कर दिया है। यही नहीं चुनाव आयोग ने कैलाश वियजवर्गीय को भी आचार संहिता के उल्लंघन पर चेतावनी दी है.
बार बार की नियमों की अनदेखी
समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, निर्वाचन आयोग ने यह भी कहा है कि स्टार कैंपेनर का दर्जा रद किए जाने के बाद अब आगे वह जिस विधानसभा में प्रचार करेंगे उनके उस चुनावी अभियान का पूरा खर्च संबंधित उम्मीदवार के खाते में जाएगा। कमल नाथ के खिलाफ यह कार्रवाई उनके बार बार आचार संहिता के नियमों की अनदेखी के चलते की गई है। अब आगे कमल नाथ जिस प्रत्याशी के लिए प्रचार करेंगे उनकी यात्रा और ठहरने से लेकर तमाम खर्च उम्मीदवार के चुनावी खर्च में जुड़ेगा।
महिला अयोग ने चुनाव आयोग को लिखा था पत्र
बता दें कि हाल ही में कमलनाथ ने भाजपा प्रत्याशी इमरती देवी पर अमर्यादित बयान दिया था। इसे लेकर भाजपा ने चुनाव आयोग में शिकायत की थी। वहीं महिला अयोग ने चुनाव आयोग से कमल नाथ पर उचित कार्रवाई करने की अपील की थी। आयोग ने इस मामले में कमल नाथ को नोटिस जारी कर 48 घंटे के भीतर जवाब मांगा था। बीते दिनों आयोग ने कहा था कि कमल नाथ ने भाजपा की महिला प्रत्याशी के खिलाफ अमर्यादित शब्द का इस्तेमाल कर आचार संहिता तोड़ी है।
इन बयानों की वजह से उठाया कदम
– इमरती देवी के खिलाफ जनसभा में अपशब्द का उपयोग किया।
– सीएम शिवराज सिंह चौहान को नौटंकी का कलाकार बताते हुए कहा था, ‘मुंबई जाकर एक्टिंग करें।’
– आपके भगवान (शिवराज) तो वो माफिया हैं। आपके भगवान तो मिलावटखोर हैं।
कार्रवाई से पड़ेगा यह फर्क
निर्वाचन आयोग ने मध्य प्रदेश में 28 सीटों पर हो रहे विधानसभा उपचुनाव को लेकर उम्मीदवारों के चुनावी खर्चों की एक सीमा तय की है। स्टार प्रचारक के आने-जाने, ठहरने और सभा का व्यय पार्टी के खर्च में जुड़ता है। इससे प्रत्याशी के खर्च की जो अधिकतम सीमा है, वह प्रभावित नहीं होती है। अब कमल नाथ के स्टार प्रचारक नहीं रहने से उनका खर्च प्रत्याशी के व्यय में जुड़ेगा।