वैदिक पंचांग के अनुसार, 17 अक्टूबर यानी आज आश्विन पूर्णिमा है। सनातन धर्म में आश्विन पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस शुभ तिथि पर शरद पूर्णिमा भी मनाई जाती है। शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है। इसके लिए चंद्रमा अधिक चमकीला होता है। पूर्णिमा तिथि पर स्नान-ध्यान और दान-पुण्य किया जाता है। इस शुभ तिथि पर गंगा स्नान करने से साधक को अमोघ फल की प्राप्ति होती है
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पृथ्वी के चारों ओर परिक्रमा करता चंद्रमा गोलाकार पथ में नहीं घूमता, बल्कि अंडाकार पथ में चक्कर लगाता है. इसकी पृथ्वी से दूरी बढ़कर कभी 406,700 किमी हो जाती है तो कभी यह 356,500 किमी तक पास भी आ जाता है. जब चंद्रमा पृथ्वी के पास आता है और उस समय पूर्णिमा होती है, तो चंद्रमा लगभग 14 प्रतिशत बड़ा और 30 प्रतिशत अधिक चमकदार दिखाई देता है.
यह तीसरा सुपरमून, 15 नवंबर को फिर दिखेगा
चांद 30% ज्यादा चमकीला भी नजर आया। सुपरमून तब होता है, जब पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी सबसे कम हो जाती है।इस वजह से चांद ज्यादा बड़ा और चमकीला दिखाई देता है। इस सुपरमून को देखने पर ऐसा लगा जैसे यह पृथ्वी के करीब आ रहा है। दिल्ली, गुवाहाटी, कश्मीर समेत देश के कई हिस्सों में सुपरमून दिखाई दिया।इस साल यह तीसरा सुपरमून, 15 नवंबर को फिर दिखेगा गुरुवार को चांद पृथ्वी से लगभग 351,519 किमी दूर रहा। जबकि आमतौर पर यह सबसे दूर 4,05,000 किमी और सबसे करीब 3,63,104 किमी होती है। पिछले महीने 18 सितंबर को भी सुपरमून दिखाई दिया था, तब चांद पृथ्वी से 357,485 किमी दूर था।